छोटी-मोटी बीमारिया होते ही या अचानक खराब हुई तबीयत से घबरा जाते है आयुर्वेदिक दवाई खा रहे हो ? सावधान !
और घबराहट में हम जल्दी जल्दी डाक्टर के पास भाग जाते हैं। कई डाक्टर इस चीज का फायदा उठाते हैं।
उनको मालुम रहता है कि मामूली बीमारियाँ जैसे की सिरदर्द, हल्का सा कमर दर्द, सर्दी,
जुकाम आदि बिमारिया समय के साथ २-४ दिन में ठीक हो जाती हैं। और कुछ साधारण
दवाइयों से ठीक होती है|
ऐसी बीमारियाँ जो २-४ दिन में अपने आप ठीक होती हैं, तो इसका मतलब है कि हमारे शरीर ने
उनको अपने आप ही ठीक कर लिया है और दवाई की जरूरत नहीं हैं| और कुछ बीमारियों में
हल्की-फुल्की दवाईया लेने से काम चल जाता है| तो कुछ बीमारियों में हमें गंभीरता पूर्वक लम्बे
समय तक दवाई लेनी पड़ती है| कई बार आप आयुर्वेदिक घरेलु उपचार भी अपना सकते हो।
पर आपको आयुर्वेदिक घरेलु उपचार अपनाते समय सावधानी जरुर रखनी पड़ेगी| और इसी
वजह से कुछ लोगों का इलाज आयुर्वेदिक घरेलु उपचारों से नहीं हो पता है|
आप घरेलु आयुर्वेदिक उपचार अपनाते वक्त निचे दिए गए बातों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित
रूप से आपको फायदा होगा|
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आयुर्वेदिक उपचार अपनाने में सावधानियां/ precautions while taking ayurvedic treatment/medicines
जड़ी बूटी कौन सी इस्तमाल करनी चाहिये ?
आयुर्वेदिक दवाई के लिये पाणी कैसा होना चाहिये ?
आयुर्वेदिक दवाई कैसे बर्तन में रखनी चाहिये ?
दवाई बनाने के लिये कैसे पत्ते इस्तमाल करने चाहिये ?
किसी दवाई पर संदेह हो तो क्या करना चाहिये ?
कुछ और बाते जो आयुर्वेदिक उपचार में याद रखना जरूरी है।
गंभीर बीमारी में क्या खुद उपचार करना चाहिये ?
जड़ी बूटी के इस्तमाल में कौन सी सावधानी बरतना जरूरी है ?
कौन सी परिस्थिति में खुद उपचार नहीं लेने चाहिये ?
आयुर्वेदिक दवाई कितने समय तक लेनी चाहिये ?
दवाई का असर जल्दी होने के लिये क्या करना चाहिये ?
आशा है आपको " आयुर्वेदिक दवाई खा रहे हो ? सावधान ! Precautions while taking ayurvedic treatment/medicines" यह जानकारी पसंद आई होगी|
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फायदा हो सके| शायद कोई महंगी फीस की वजह से इलाज ना करा पा रहा हो और इस
तकलीफ से जूझ रहा हो| तो यह जानकारी उसे बहुत काम आ जायेगी और वह आपका
एहसान जरुर मानेगा|