हमारा सनातन भारत त्योहारों का देश हैं। यहां पर अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी,
हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार हैं। आज हम आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में मुख्य तथ्य बताने जा रहे हैं। आईए
जानते है, क्या है शुभ मुहूर्त
श्री कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त
तीथी | शुभ मुहूर्त |
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जन्माष्टमी तिथि | 30 अगस्त 2021 |
अष्टमी तिथि शुरू | 29 अगस्त रात 11:25 |
अष्टमी तिथि समाप्त | 31 अगस्त सुबह 1:59 |
रोहिणी नक्षत्र शुरू | 30 अगस्त सुबह से 6:39 |
रोहिणी नक्षत्र समाप्त | 31 अगस्त सुबह 9:44 |
निश्चित काल | 30 अगस्त रात 11:59 से लेकर सुबह 12:44 तक |
अभिजीत मुहूर्त | 30 अगस्त सुबह 11:56 से लेकर रात 12:47 तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 6:32 से लेकर शाम 6:56 तक |
जन्माष्टमी की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- घर के मंदिर की साफ- सफाई करें।
- देवालय में ज्योत जलाए।
- सभी देवताओं को स्नान करवाएं।
- बाल कृष्ण की मूर्ति का जलाभिषेक करें।
- गोपाल जी का साज श्रृंगार करें तथा झूले में झुलाये।
- लड्डू गोपाल जी को सात्विक भोजन का भोग लगाएं।
- कृष्ण जन्माष्टमी पर रात्रि की पूजा का अत्यधिक महत्व होता है।
- रात्रि को लड्डू गोपाल जी को पंचतत्व से स्नान करवा कर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
- इसके पश्चात गोपाल जी की आरती की जाती हैं, एवं मावा- मिश्री का भोग लगाया जाता हैं।
- लड्डू गोपाल जी की अच्छे से सेवा की जाती हैं, और भजन कीर्तन इत्यादि धर्म किए जाते हैं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर उपवास का महत्व
कृष्ण जन्माष्टमी को पूरे ही भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं। जन्माष्टमी के
उपलक्ष में भक्तों के द्वारा उस दिन उपवास किया जाता हैं। इस उपवास का अत्यधिक महत्व होता हैं।
भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए इस उपवास को रखते हैं। इस उपवास को सात्विक
भोजन के द्वारा ही रखा जाता हैं।
उपवास रखने से पहले कुछ बातें ध्यान रखने योग्य बातें
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर खाने पीने के कुछ नियम है। उसका पालन अवश्य करें। नीचे दिए गये
व्रत से 1 दिन पहले पोष्टिक खाना खाए
अगर आप जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं,तो उससे एक दिन पहले आपको पोष्टिक खाना खाना चाहिए।
जिससे आपका पाचन तंत्र सही रहे।जिस दिन आप व्रत रखते हैं, उस दिन आपको ज्यादातर
मसालेदार और तले हुए पदार्थ खाने से बचना चाहिए, नहीं तो आपको एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है।
व्रत के दिन खूब पानी पिए
अगर हम किसी दिन व्रत रखते हैं, तो उस दिन हम भूखे रहकर पानी नहीं पी सकते। परंतु हमें खूब
सारा पानी पीना चाहिए, नहीं तो हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।अगर पानी की कमी हो
जाती है, तो हमें बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ता हैं। इसीलिए आपको कम से कम
5 से 6 लीटर पानी पीना चाहिए।
फल खाना होगा लाभदायक साबित
अगर आपको उपवास करने में दिक्कत होती हैं, तो आप दिन में दो बार फलाहार कर सकते हैं।
फलाहार का मतलब होता है, फल खाना। आपको ऐसे फल खाने चाहिए, जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो।
फल खाने से आपके शरीर में कमजोरी भी नहीं आएगी और पानी की मात्रा भी पर्याप्त बनी रहेगी।
इससे आपके शरीर में सुस्ती भी नहीं आएगी और आप एक्टिव रहेंगे।
शायद इनको आपके सलाह की जरूरत है पति रातभर खर्राटे मारते है। मै सो भी नहीं पाती। परेशान हु। क्या करू ? – (myjivansathi.com)
तला हुआ भोजन करने से बचें
व्रत के दिन आपको तला हुआ भोजन करने से बचना होगा। कई लोग साबूदाने की टिक्की, पकोड़े, समोसे, इत्यादि बना लेते हैं। ऐसे में आपको इससे एसिडिटी होने की दिक्कत हो सकती हैं।
अत्यधिक भोजन बिल्कुल ना करें
पूरे दिन उपवास करने के बाद अधिकतर लोग जब व्रत खोलते हैं, तब अपनी थाली को पूरी तरह से खाने से भर लेते हैं, परंतु यह नुकसानदायक हो सकता हैं। एक साथ इतना सारा भोजन खाने से आपका वजन बढ़ने की समस्या भी हो सकती हैं।