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Wednesday, November 27, 2024

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नॉर्मल डिलीवरी के उपाय जानना चाहती हु। मुझे सिजेरियन नहीं करवाना।

मेरा नाम रानी है। मै 27 वर्षीय शादीशुदा महिला हु। मेरे लिये नॉर्मल डिलीवरी के उपाय बताइये

पाँचवा महिना चल रहा है। मै नॉर्मल डिलीवरी चाहती हु। मुझे सिजेरियन नहीं करना। हर दिन योगा

करती हु। तनाव से मुक्त रहती हु। कृपया नॉर्मल डिलीवरी के लिये कोई उपाय, खानपान की शर्ते, कोई

व्यायाम हो, तो बताइये। बड़ी मेहरबानी होगी।

नॉर्मल डिलीवरी के उपाय करें और सिजेरियन टाले

आजकल के मॉडर्न समय में अधिकतर महिलाओं के द्वारा, नॉर्मल डिलीवरी के दर्द से बचने के

लिए सिजेरियन डिलीवरी को प्राथमिकता दी जा रही है।हालांकि नॉर्मल डिलीवरी माँ और बच्चे

दोनों के लिए फायदेमंद है।इसलिए बहुत सी महिलाओं को अपनी गर्भावस्था के पहले दिन से

ही इस बात की चिंता रहती है कि वह नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करें।तो आइए बताते हैं,

आपको कुछ ऐसे उपाय जिन्हें अपनाकर आप अपने नॉर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ा सकते हैं।

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संतुलित आहार से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है-

एक गर्भवती स्त्री को पूरे नौ महीने तक संतुलित आहार ही लेना चाहिए।प्रोटीन

युक्त दालें ताज़े फल,दूध से निर्मित वस्तुएँ और हरी सब्जियां आपके और आपके बच्चे की सेहत

के लिए भी फायदेमंद है और यह संतुलित आहार आपके शरीर को नॉर्मल डिलीवरी के

लिए भी तैयार करता है।

खूब पानी पिएं-

गर्भावस्था में पानी न केवल आपको यूरिन इंफेक्शन से

बचा के रखता है बल्कि बच्चे के चारों ओर पाए जाने वाले गर्भाशय के तरल को भी पर्याप्त मात्रा

में बनाए रखता है और यह तरल आपके नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ा देता है।

पैदल चलना आपको सिजेरियन से दूर रखेगा –

पैदल चलना या टहलना, एक व्यायाम है जो नॉर्मल डिलीवरी लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

एक गर्भवती स्त्री को रोज 40 मिनट पैदल चलना चाहिए।इस व्यायाम से लोअर मसल्स

मुलायम होते हैं और बच्चा सही समय पर जन्म लेने की पोजीशन में आ जाता है।

चिंता मुक्त रहें-

किसी भी तरह की चिंता या तनाव लेने से माँ और बच्चे दोनों पर बुरे प्रभाव पड़ते हैं।

अगर आप तनाव लेते हैं तो आपके नॉर्मल डिलीवरी के चांस कम हो जाते हैं इसलिए खुश रहे

और तनाव न लें।तनाव लेने से ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो जाती है जो नॉर्मल डिलीवरी में

सबसे बड़ी रुकावट का कारण बनती है।

आंवला का मुरब्बा और खजूर-

आयुर्वेद के अनुसार आंवले का मुरब्बा और खजूर पेल्विक मसल्स को सॉफ़्ट करने में मदद करते हैं और बच्चे

दानी का मुँह समय पर खुलता है जो नॉर्मल डिलीवरी लिए पहला चरण है।

स्वास्थ्य का ध्यान रखना-

आपको अपनी पूरी प्रेगनेंसी में इस बात का ध्यान रखना है कि ब्लड प्रेशर,खून की

कमी या अन्य कोई सेहत संबंधी बीमारी न हो।खून की कमी को पूरा करने के लिए गाजर

और अनार जूस ले सकते है।

स्वास्थ्य का ध्यान रखना-

आपको अपनी पूरी प्रेगनेंसी में इस बात का ध्यान रखना है कि ब्लड प्रेशर,खून की

कमी या अन्य कोई सेहत संबंधी बीमारी न हो।खून की कमी को पूरा करने के लिए गाजर

और अनार जूस ले सकते है।

डॉक्टर से चेकअप-

सही समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाते

रहना भी ज़रूरी है ताकि आने वाली संभावित खतरों के बारे में डॉक्टर आपको सही समय

पर बता सके और सही समय पर इलाज हो सके।

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योग और एक्सरसाइज करें –

अगर आपकी गर्भावस्था में सब कुछ नॉर्मल है तो आप डॉक्टर की सलाह से योग और कुछ एक्सरसाइज

कर सकती हैं जो आपके पैलविक फलोर को स्मूथ करने में आपकी सहायता करेंगे।

वैसे तो बच्चे के जन्म से पहले ही आप कुछ बातों से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि डिलीवरी

नॉर्मल होगी या नहीं।

अगर 34 वें सप्ताह के बाद बच्चे का सिर नीचे की तरफ यानी की

जन्म लेने की सही पोजीशन में आ जाता है तथा बच्चेदानी का मुंह दो सेंटीमीटर तक खुल

जाता है तो नार्मल डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं।किसी भी तरह की दर्द की तकलीफ की

परवाह न करते हुए अपने आपको एक्टिव रखें,संतुलित आहार खाएं और चिंतामुक्त रहें तो

नॉर्मल डिलीवरी आसार बढ़ जाएंगे।

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