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Wednesday, June 25, 2025

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बस 1 चम्मच से पता करें अपने बीमारी के बारे मे self diagnose your body at home by spoon

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self diganose your body at home by spoon घर बैठे चम्मच के माध्यम से करें बीमारियों का टेस्ट

चम्मच एक ऐसी वस्तु है। जो हर एक व्यक्ति के घर में आम तौर पर मौजूद ही होती है। चम्मच देखने में भले ही एक छोटी सी वस्तु है। लेकिन यह काम बहुत सारे करती है।

चम्मच के द्वारा लोग खाना खाते हैं, दवाई लेते हैं। इसके अतिरिक्त चम्मच के द्वारा ही घर बैठे बीमारियों का पता भी लगाया जा सकता है।

यह पढ़ क्या?

बदलते मौसम के अनुसार खानपान में क्या परिवर्तन होना चाहिये ?

आप सोच रहे होंगे कि कैसे एक चम्मच बीमारियों का पता लगा सकता है। लेकिन यह बात बिल्कुल सच है। जी, हां आप चम्मच के प्रयोग से कुछ टेस्ट कर अपने शरीर के अंदर व्याप्त होने वाले रोगों का पता कर सकते हैं। आप स्वस्थ है या अस्वास्थ्य इस बात का पता आपको घर बैठे चम्मच के द्वारा टेस्ट कर पता चल सकता हैं।

कैसे करेगा चम्मच बीमारियों का टेस्ट?

शायद आप सभी के मन में उत्सुकता जाग रही होगी कि कैसे एक चम्मच हमें बता सकता है कि हम स्वस्थ है या अस्वस्थ?

टेस्ट करने के लिए आपके पास दो चीजें होना बहुत जरूरी है। एक चम्मच और दूसरा प्लास्टिक पैकेट।

अब हम आपको स्टेप बाय स्टेप यह पूरा प्रोसेस बताने वाले हैं:-

·       स्टेप-१

चमक द्वारा होने वाला टेस्ट सुबह नींद से जागकर करना होता है। इस टेस्ट को करने से पूर्व आपको अपना पेट खाली रखना है। यहां तक कि आप पानी भी नहीं पी सकते हैं। सुबह नींद से जागने के बाद खाली पेट मुंह में चम्मच रखकर। आपको यह टेस्ट करना है।

·       स्टेप-२

नींद से उठ कर आपको चम्मच अपने जीभ पर रखना है। जीभ में 1 मिनट तक रखने बाद, आपको चम्मच अपने जीभ से निकालकर प्लास्टिक पैकेट में रखना है।

·       स्टेप-३

फिर उस प्लास्टिक पैकेट को आप को सूर्य की रोशनी या टेबल लैंप की रोशनी में 1 मिनट तक रखना होगा।

·       स्टेप-४

जब आप चम्मच को पैकेट से बाहर निकालेंगे तो आपको पता चल जाएगा की आप स्वस्थ है या नहीं। कारण यदि आप बीमार होंगे तो आपको रंग-बिरंगा रंग नजर आएगा चम्मच पर।

यदि आप बीमार नहीं होंगे। तो आपको चम्मच पर किसी भी प्रकार का दुर्गंध नहीं मिलेगा। ना ही उस पर किसी भी प्रकार का दाग आएगा।

चम्मच पर यदि रंग आएगा तो इसका अर्थ क्या होगा?

चम्मच पर आने वाले तरह-तरह के रंग का तात्पर्य अलग-अलग बीमारी से होगा। जिसके विषय में भी हम आपको बताएंगे।

  1. चम्मच पर यदि कोई रंग या दुर्गंध ना हो। तो इसका अर्थ यह है कि आप पूर्ण रुप से स्वस्थ है।
  2. यदि आप को चम्मच से दुर्गंध आ रही है। तो इसका साफ अर्थ यह है कि आपको फेफड़े एवं लिवर से संबंधित रोग है।
  3. यदि चम्मच से आपको स्वादिष्ट मिठाई एवं फल की सुगंध आ रही है। तो इसका अर्थ यह है कि आपको मधुमेह के बीमारी है।
  4. यदि आपको चम्मच में बैगनी रंग दिखाई दे रहा है। तो इसका अर्थ यह की आपको खून से संबंधित या ऑक्सीजन से संबंधित कोई बीमारी है।
  5. बैगनी रंग का दिखना कोलेस्ट्रोल की समस्याओं को भी दर्शाता है।
  6. वहीं अगर आपको चम्मच में पीला रंग दिखाई दें। तो इसका अर्थ यह है कि आपको थायराइड की समस्या है।
  7. यदि आपको चम्मच पर नारंगी रंग दिखाई दें। तो आपको किडनी की समस्या भी हो सकती है।

नोट:-जितने भी रंगों के विषय में हमने आपको बताया है। इन सभी रंगों के अतिरिक्त यदि आपको अन्य कोई रंग दिखाई देता है। तो इसका अर्थ यह है की आपको कुछ गंभीर समस्या हैं।

self dignose your body at home by spoon

इसके लिए आप इमीडिएट डॉक्टर को दिखाइए। ताकि आपके शरीर के रोग का पता चल सकें। व समय रहते ही इस रोग का इलाज हो सकें।

संतरे के छिलके के आश्चर्यजनक फायदे

अक्सर लोग जब भी संतरे खाने के बाद उसके छिलके को फेंक देते हैं| और कई लोग या बच्चे उसके छिलके का उपयोग एक दूसरे की आंखों में डालकर रुलाने के लिए मस्ती के लिए करते हैं| जो एक तरह से उपयोगी वस्तु का नुकसान करना ही है|

जी हां शायद आपको ये जानकर आश्चर्य हो रहा होगा| पर यह बिलकुल सच है की संतरे का छिलका संतरे से भी कई ज्यादा फायदेमंद है|

संतरे का छिलका इतना फायदेमंद है कि अगर आप इसके गुण जान लेंगे, तो आप कभीभी इसके छिलके फेंकना नहीं चाहेंगे|


संतरे के छिलके के फायदे (orange peel benefits)

बालों के लिए

यह आपके बालों को खूबसूरत बना देता है| अगर आपके बाल रूखे रूखे और बेजान दिखाई दे रहे हैं| तो संतरे का छिलका आपके लिए वरदान साबित होगा|

संतरे के छिलकों को बारीक़ पीस ले| इसे बालों में लगाकर कुछ देर रखें और बादमे बाल धो लें| इससे आपके बाल चमकदार और मुलायम बनेंगे|

चेहरे के दाग धब्बे हटाये

संतरे के छिलकों को पीस ले| इसमे गुलाब जल मिला ले| इस मिश्रण को चहरे पर लगाने से दाग व धब्बे मिट जाते हैं| साथ ही यह आपकी त्वचा पर चमक भी लाता हैं|

संतरे के छिलके में क्लीजिंग, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं| जो पिंपल और एक्ने से लडऩे में सहायता करते हैं|

चेहरे के ब्लैक हेड्स हटाये

संतरे के छिलके को सुखाकर पीस ले| फिर इसमें दही मिलाकर त्वचा पर लगाले| इससे त्वचा चमकदार और स्मूथ बनती है| और ब्लैक हेड्स भी साफ हो जाते हैं|

पिंपल्स का सफाया

अगर आपकी त्वचा ऑइली है| तो संतरे के छिलकों को पीसकर उसमे बेसन मिलाकर लगाले| फायदा होगा| इससे आपके पिंपल्स खत्म हो जायेंगे|

टैनिंग हटाये

संतरे के छिलके के पाउडर में शहद मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाले| इससे टैनिंग दूर हो जाती है| साथ ही चेहरे पर निखार भी आता है|

त्वचा की नमीं को बरक़रार रखे

संतरे के छिलके को सुखाकर रख दे| इन्हें नहाने के वक्त पानी में डाल दें| यह बेहतरीन बाथ ऑयल का काम करेगा| ऐसा करनेसे त्वचा की नमीं बरकरार रहेगी|

पाचन शक्ति बढ़ाये संतरे के छिलके से

यह पाचन शक्ति बढ़ाता है| संतरे के छिलके में पाचनशक्ति बढ़ाने की क्षमता होती है| यह पाचन शक्ति में सुधार, गैस, उल्टी, हार्ट बर्न और अम्लीय डकार को दूर करने में सहायता करता है| भूख बढाता है| संतरे का छिलका कृमि का नाश करता है| बुखार को मिटाता है| इसलिए इन सभी रोगों में संतरे का छिलका पीसकर खाने पर फायदा पहुंचता है|

बेहतरीन चाय संतरे के छिलके के आश्चर्यजनक फायदे

चाय बनाते समय यदि उसमें संतरे का छिलके डाल दिया जाये तो इससे ऑरेंज फ्लेवर की चाय बन जाती है| इसका सुगंध मूड को तरोताजा कर देता है|

मुह की दुर्गंध से छुटकारा

मुह की दुर्गंध से छुटकारा पाने के लिए आप संतरे के छिलकों का टुकड़ा चबा सकते हैं|

कांस्टिपेशन से छुटकारा संतरे के छिलके के आश्चर्यजनक फायदे

संतरे के छिलके से आप कांस्टिपेशन से छुटकारा पा सकते है| संतरे के छिलके का पाउडर फांकने से गैस और उल्टियां शांत होती हैं|


संतरे के छिलके का पावडर बनाने की विधि

  • संतरे के छिलके को धूप में अच्छे से सूखा ले|
  • अच्छे से सूख जाने के बाद इसे मिक्सर में पीस लीजिए|
  • एक एयर टाइट जार में इस पाउडर को भरकर रख दीजिये|
  • संतरे के छिलके का प्रयोग बाजार में महंगे दामों में बिकने वाले बहुत सारे उत्पादों में किया जाता है|

आशा है आपको “संतरे के छिलके के आश्चर्यजनक फायदे यह जानकारी पसंद आई होगी|

निवेदन: इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया पर जरुर शेअर करे ताकि दूसरों को भी इसका फायदा हो सके| शायद कोई महंगी फीस की वजह से इलाज ना करा पा रहा हो और इस तकलीफ से जूझ रहा हो| तो यह जानकारी उसे बहुत काम आ जायेगी और वह आपका एहसान जरुर मानेगा|

सिरदर्द के घरेलू उपाय | 10 headache home remedies

सिरदर्द के घरेलू उपाय | रोजाना सिर दर्द के कारण | headache home remedies

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से लोगों को सिरदर्द की समस्या आम बनी रहती है।

अक्सर कुछ लोगों को सुबह उठते ही एक साधारण बीमारी जो की है सिर दर्द का सामना

करना पड़ता है। जिसकी वजह से उनका पूरा दिन खराब हो जाता है और कई बार सिर दर्द की तकलीफ

इतनी बढ़ जाती है कि किसी को भी सहन करना मुश्किल हो जाता है।  तो फिर क्या लोग भागते हैं

एलोपैथिक दवाइयों की तरफ लेकिन क्या आप यह नहीं जानते की इन दवाइयों के साइड इफेक्ट

कितने होते हैं। तो चलिए बताते हैं ,हम आपको ऐसे ही घरेलू नुस्खे जिन्हें अपनाकर आप सिर दर्द से राहत पा सकते है

सिरदर्द के घरेलू उपाय | headache home remedies

सिर दर्द के लिए रामबाण घरेलू उपाय

headache home remedies गाय का शुद्ध देसी घी

देसी घी के फायदे का तो क्या ही कहना, इसलिए यदि बात की जाए सिर दर्द की तो इसमें भी देसी

घी रामबाण सिद्ध होता है। प्रतिदिन दो से तीन बूंद गाय का शुद्ध देसी घी गुनगुना गर्म करके नाक

में डालने से, सभी तरह के सिरदर्द जैसे माइग्रेन में भी आराम मिलता है। यह एक ऐसा उपाय है

जिसका प्रयोग करने के बाद आपको चार से पाँच दिन में ही तीव्र से तीव्र दर्द में भी आराम मिलेगा।

सेब  खाने से सिर दर्द गायब होता है

वह कहावत तो आपने सुनी ही होगी की प्रतिदिन एक सेब खाने से  डॉक्टर को दूर भगाया जा सकता है ।

जी हां, सेब आपका सिर दर्द ठीक करने में भी आपकी मदद करता है। रोज रात को  सेब को छीलकर, 

साफ कपड़े में बांधकर बाहर लटका दें और सुबह खाली पेट सेब को खाएं। कुछ ही दिनों में

आपको सिर दर्द से आराम मिलेगा।

लौंग का प्रयोग करें और सरदर्द भगाए

लौंग को  तवे पर गर्म करके मलमल के कपड़े में बांध ले  तथा इसके पश्चात  थोड़े-थोड़े अंतराल

पर  सूँघते रहे। आप देखेंगे  कि कुछ ही समय बाद आपका सिर दर्द कम होने लगा है

आयुर्वेदिक चाय  से सिरदर्द जाता है

काली मिर्च पुदीना और लौंग की  चाय बनाकर पीए।  सिर दर्द में अवश्य फायदा होगा

सिरदर्द के घरेलू उपाय : खूब पानी पिएं

अक्सर  शरीर में पानी की कमी भी सिर दर्द का कारण बन जाती है ।इसलिए  खूब पानी पिए 

जो आपके शरीर को  हाइड्रेट करेगा और सिर दर्द में आराम मिलेगा।

सिर दर्द का मंत्र : बादाम खाए 

अक्सर जब भी हमें सिर दर्द होता है तो हम सबसे पहले गोलियों की तरफ आते हैं।लेकिन

आपके लिए एक सलाह है कि गोलियां खाने की बजाय प्रतिदिन चार बादाम खाएं। 

पुराना सिर दर्द का इलाज : तुलसी की चाय 

तुलसी के पत्तों को बहुत सी समस्याओं के निवारण के लिए प्रयोग किया जाता है परंतु यह आपके

सिर दर्द के लिए भी एक कारगर दवा का काम करती है। तुलसी के   चार से पाँच पत्ते लें और

उन्हें एक कप पानी में डालकर उबाल लें और धीरे-धीरे चाय की तरह  पिए ।अगर आपको

इसका स्वाद कड़वा लगता है तो आप इसमें थोड़ा सा शहद भी डाल कर पीलें।

सिरदर्द का घरेलू इलाज : कपूर 

पुदीने में कुछ ऐसे एलिमेंट पाए जाते हैं जो आपको सिर दर्द से राहत दिला सकते हैं। थोड़ी

सी पुदीने की पत्तियां लेकर उसका रस निकालें और कपूर के साथ मिक्स करके,अपने माथे पर लेप करे।

चुटकियों  में सिर दर्द से राहत मिलेगी।

सिर दर्द की समस्या हमारे न्यूरॉन में गड़बड़ी के कारण होती है इसलिए तनाव कम ले और दर्द

निवारक दवाइयों के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए इन घरेलू नुस्खों का उपयोग करें।

सिर दर्द का एक्यूप्रेशर पॉइंट

सिर दर्द के एक्यूप्रेशर पॉइंट होते है। वह दबाए और सर दर्द भगाए

आयुर्वेद के ये राज शायद आप नहीं जानते

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What is Ayurveda आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान कला का मिश्रण है|

इससे साधारण मनुष्य के जीवन से जोड़ा गया है|

Ayurved आयुर्वेद का अर्थ:-

भारत में Ayurved आयुर्वेद की परंपरा हजारों साल पुरानी रही है|

पुराने समय के लोग आयुर्वेद की मदद से ही एक उच्च जीवन शैली को व्यतीत करते थे|

आयुर्वेद की खोज भारतवर्ष में ही हुई थी और यही कारण है कि

आज भारत के घर-घर में आयुर्वेद का इस्तेमाल किया जाता है|

यह लगभग 5000 साल पुराने चिकित्सा पधिति है आजकल बाजार में ऐसी बहुत सारी कंपनियां

हैं जो आयुर्वेदिक चीजों को आप तक आसानी से उपलब्ध करा रही हैं|

आयुर्वेद का महत्व (Importance of ayurveda) 

जब भी हम आयुर्वेद के बारे में सोचते हैं तो दिमाग में आयुर्वेद कोई कड़वी जड़ी बूटी या कोई कड़वा पदार्थ होगा|

जबकि एलोपैथी को लेकर हम यह सोचते हैं कि एलोपैथी में कुछ गोलियां होती हैं जिन्हें मात्र

निगल लेने से हम सही हो जाते हैं|

आयुर्वेद क्या है? | What is Ayurveda and how does it work?

हमारे बड़ी प्राथमिकता किसी भी बीमारी से ठीक हो जाना यह नहीं है|

बल्कि बड़ी बात यह है कि हम अपने शरीर को निरंतर स्वस्थ बनाए रखें तथा आने वाले

किसी भी संक्रमण रोग से या बड़ी बीमारी से बचा कर रखें|

एलोपैथी चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद

एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के अनुसार जब हम बीमार होते हैं तभी हमे दवाइयों का सेवन करना होता है|

लेकिन यदि आप आयुर्वेद का इस्तेमाल करते हैं तो आपके पास बीमारी भटकती भी नहीं है|

इसलिए आपको अपने दैनिक जीवन में आयुर्वेद को एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना होगा पिछले

2 सालों से पूरी दुनिया कोविड-19 जैसी बीमारी से लड़ रही है और धीरे-धीरे दुनिया को

यह समझ में आने लगा है कि इस त्रासदी में इस संक्रमण की बीमारी में मात्र आयुर्वेद ही एक ऐसा रास्ता है|

जिसका इस्तेमाल करके आप बहुत हद तक इस प्रकार के किसी भी संक्रमण बीमारी से बचे रह सकते हैं|

आयुर्वेद इतना आसान तरीका है कि इसे आपके घर में छोटे-छोटे बच्चे भी इस्तेमाल करके एक स्वस्थ

भविष्य की कामना कर सकते हैं| What is Ayurveda

ayurved के फायदे

आपको बीमारियों से बचाता है बल्कि यह आपको मानसिक तनाव दूर रखता है|

आयुर्वेद में योगा मेडिटेशन सांस लेने का अभ्यास शारीरिक मसाज का भी बहुत महत्व है|

साथ ही आपके शरीर के प्रत्येक कोशिका को पोषण देने के साथ-साथ संतुलित भी करता है|

इस भागदौड़ भरे जीवन में हमें एक स्वस्थ शरीर के साथ-साथ स्वस्थ मस्तिष्क की भी आवश्यकता

होती है इसलिए आयुर्वेद में शिरोधारा अभ्यंगम हीरो बन गया और पदभंगम जैसे अभ्यास की सलाह भी दी जाती है|

आयुर्वेद में पंचकर्म का भी बहुत महत्व है इसमें तेल मालिश करना वक्त देना एनिमा शुद्धीकरण का

भी बहुत अधिक महत्व है इस प्रक्रिया में आपका भीतरी शरीर पूर्ण रूप से शुद्ध हो जाता है|

यदि हम विशेषज्ञों की माने तो आयुर्वेदिक आहार और विश्राम कटनी आपके शरीर को दोबारा से

जोड़ने में मदद करता है आयुर्वेद में जड़ी-बूटी विटामिन खनिज और प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में

उपलब्ध होते हैं जिसे आप यदि एक निश्चित मात्रा में अपने आहार में शामिल करते हैं तो यह आपको

प्रतिरक्षा संबंधी विकारों को रोकने में बहुत अधिक मदद करता है|

आयुर्वेद भारत में ही नहीं बल्कि चीनी परंपरा तिब्बती परंपरा नेपाली परंपरा और यूनानी यों द्वारा

इस्तेमाल किया जाने वाला चिकित्सा पद्धति रहा है, और आज भी यह अपने

महत्वता के कारण लोगों को लाभ पहुंचा रहा है| What is Ayurveda

बदलते मौसम के अनुसार खानपान में क्या परिवर्तन होना चाहिये ?

जिस तरह बदलते वक्त के साथ खुद को बदलना चाहिए ठीक वैसे ही बदलते मौसम के अनुसार खानपान में भी बदलाव जरूर करना चाहिए क्योंकि मौसम और जलवायु का व्यक्ति के जीवन में बहुत प्रभाव पड़ता है। मौसम बदलने से व्यक्ति के शरीर में भी परिवर्तन आता है। आज हम अपने ब्लॉग में बदलते मौसम के साथ अपने आहार में कैसे परिवर्तन करेंगे इस विषय में चर्चा करेंगे।

सर्दी का मौसम और खानपान

आमतौर पर सर्दी का मौसम काफी लंबा होता है क्योंकि सर्दी के दिनों में आराम करने के लिए लंबा रात मिलता है। सर्दी के मौसम में भूख भी ज्यादा लगती है और खाना भी जल्दी पच जाता है क्योंकि आराम करने के लिए काफी समय मिलता है। सर्दी के मौसम में कोशिश हमेशा खाते पीते रहना यदि पेट खाली रहेगा तो बीमारी हो सकती है।

ये भी पढे बारिश में होनेवाली बीमारिया और सावधानी और बचाव के असरदार घरेलू उपाय – (gharelunuske.com)

जब होता है सर्दी का मौसम, तो खाए ये पदार्थ

  • सर्दी के मौसम में घी, मक्खन, चने इत्यादि पदार्थों को जरूर अपने खाने में शामिल करना चाहिए।
  • हल्का गर्म पानी पीना चाहिए।
  • खटाई से बने हुआ खाना खाना चाहिए।
  • शरीर को फिट करने के लिए रोजाना योगासन भी करना चाहिए।

बरसात का मौसम और खान पान

बारिश के मौसम में पानी बरसने के कारण वातावरण में गंदगी फैल जाती है और इसी कारण से लोग बीमार भी बहुत ज्यादा पड़ते हैं। मलेरिया,डेंगू , हैजा इत्यादि बीमारी भी बरसात के दिनों में होती है।

इस बरसात के मौसम में खाये ये व्यंजन

  • यदि आपको डाल पसंद है तो आप बरसात के दिनों में अरहर एवं मूंग का दाल पी सकते हैं।
  • ज्यादा से ज्यादा फल खाने का प्रयास कीजिए।
  • अपने खाने में ऐसी चीजों को शामिल कीजिए जो आपको वात से रक्षा कर सकता है।
  • बरसात के दिनों में कोशिश कीजिए गरम खाना खाने की।

गर्मी का मौसम और खान पान

आमतौर पर गर्मी के मौसम में तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। अत्यधिक तापमान के कारण आसपास का वातावरण सूखा हो जाता है। शरीर में पसीना ज्यादा होता है जिसके कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है।

जब हो गर्मी का मौसम तो खाने में उपयोग करें ये चीजे

  • गर्मी के समय में ऐसा खाना खाना चाहिए जो आसानी से शरीर में पच जाए।
  • यदि आपको छाछ पीना बहुत पसंद है तो गर्मी के मौसम में छाछ अवश्य पीजिए।
  • फल के साथ-साथ आंवले का मुरब्बा जरूर खाइए।
  • मसालेदार खाना बिल्कुल भी ना खाएं।

वसंत का मौसम और खानपान

बसंत के मौसम को सुहावना मौसम भी कहा जाता है। पूरी प्रकृति बसंत ऋतु के कारण बेहद सुंदर दिखाई देती है। इस मौसम में कफ़ से संबंधित रोग होने की संभावना ज्यादा होती है। कभी व्यक्ति का जीव मचलता रहता है।

ये भी पढे मेरी बेटी को वायरल इन्फेक्शन होता है। घरपर सिरप कैसे बनाये ?

वसंत के मौसम में ये पदार्थ खाये

  • हल्का खाना खाए।
  • बसंत ऋ्तु में जो फल सबसे ज्यादा बिकता है उसे जरूर रोजाना खाइए।
  • खसखस, नींबू आदि का जूस जरूर पीजिए।

शरद के मौसम में खानपान

जैसे ही शरद ऋतु से बरसात की शुरुआत होने लगती है। शरीर का रक्त दूषित हो जाता है। वर्षा के कारण शरीर में पित्त जम जाता है। ऐसे में खानपान का खास ख्याल रखना होता है।

याद रखें शरद ऋतु में ये चीजे खानी चाहिये

  • शरीर में पीत्त ना जमे इसीलिए घी और मसालेदार खाना खाना चाहिए।
  • आमला का सेवन जरूर करें।
  • लिक्विड पदार्थ का सेवन ज्यादा करना चाहिए।

हमने अपनी ओर से छोटा सा प्रयास किया है। आप सबके लिए हमने बताया कि बदलते मौसम के साथ कैसा खाना चाहिए।

बारिश बीमारिया और सावधानी और बचाव के असरदार घरेलू उपाय

आज हम बतानेवाले है, बारिश में होनेवाली बीमारिया और सावधानी और बचाव के घरेलू उपाय

बारिश को भारतवर्ष के सभी लोग बहुत पसंद करते हैं।पसंद हो भी क्यों ना गर्म-गर्म पकोड़े जो

खाने को मिलते है।लेकिन जब यही बारिश जरूरत से ज्यादा बरसने लगती है तब डेंगू, मलेरिया

आदि बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। आज हम अपने ब्लॉग में बारिश से होने वाली

बीमारियों से कैसे बचेंगे इस विषय में जानकारी देंगे। बारिश बीमारिया और सावधानी

ये भी पढे नॉर्मल डिलीवरी के उपाय जानना चाहती हु। मुझे सिजेरियन नहीं करवाना। – (gharelunuske.com)

बार‍िश में बढ़ जाता है मलेरिया का खतरा। सावधानी और बचाव के असरदार घरेलू उपाय

मलेरिया कैसे होता है?

बारिश ज्यादा होने के कारण मलेरिया फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।
मलेरिया एनाफिलिज नाम के मादा मच्छर के काटने से होता है।
मच्छर के काटने से मच्छर का जितना भी कीटाणु होता है वह मानव शरीर में प्रवेश करता है
और 14 दिन तक व्यक्ति को बुखार रहता है।
मलेरिया के मच्छर बारिश के कारण जमे हुए पानी में पाए जाते है। बार‍िश में बढ़ जाता है मलेरिया का खतरा। सावधानी और  बचाव के असरदार घरेलू उपाय

मलेरिया टालने के लिये ये सावधानी बरते

यदि आप मलेरिया जैसी बीमारी से बारिश में बचना चाहते हैं तो
अपने घर में पानी का जमाव बिल्कुल भी ना होने दें।
रात में मच्छरदानी लगाकर ही सोए।
यदि घर में कूलर का प्रयोग कर रहे हैं तो उस कूलर के पानी को 1 सप्ताह से ज्यादा ना रखे
समय-समय पर कूलर के पानी को बदलते रहे।

मलेरिया से बचाव के घरेलू उपाय

मलेरिया यदि आपको हो चुका है ऐसी परिस्थिति में आप को खानपान का खास ख्याल रखना होगा।
आप खाने में लिक्विड चीजें जैसे- खिचड़ी,डलिया आदि खा सकते हैं।
मलेरिया की बीमारी से राहत पाने के लिए आप अमरुद खा सकते हैं।
मलेरिया के समय यदि आप सेब में सेंधा नमक छिड़क कर खाएंगे तो आपको काफी अच्छा महसूस होगा।

बारिश में होनेवाली बीमारिया : डेंगू बुखार के कारण,परहेज और घरेलू उपचार

कई लोग कैसे हो जाते हैं डेंगू का शिकार?

मलेरिया का मच्छर जैसे जमे हुए गंदे पानी में रहता है ठीक उसके विपरीत डेंगू मच्छर साफ पानी में जन्म लेता है।
डेंगू मच्छर इंसान का जान तक ले लेता है। इसलिए बारिश के मौसम में सावधानी बरतनी चाहिए। डेंगू वाले मच्छर का नाम एडीज है।डेंगू बुखार के कारण,परहेज और घरेलू उपचार

डेंगू से बचना है, तो इससे करें परहेज

यदि आप डेंगू से बचना चाहते हैं तो अपने आप को हमेशा ढक कर रखें ताकि मच्छर आपको काट ना सके।रात में गुड नाइट का प्रयोग करे साथ ही मच्छर दानी का भी प्रयोग करे।

डेंगू से बचाव के लिए हमें कौन से घरेलू उपचार करने चाहिए?

  • डेंगू का कोई स्पेशल दवा नहीं है आपको अपने खानपान में खास ख्याल रखना होगा।डेंगू मच्छर के काटने से शरीर में प्लेटलेट की मात्रा कम होती चली जाती है। ऐसी परिस्थिति में यदि आप पपीते का पत्ता खाएंगे तो आपके शरीर में प्लेटलेट की मात्रा बढ़ेगी।मेथी का पत्ता भी डेंगू के इलाज में काफी सहायता करता है। आप चाहे तो मेथी के पत्ते को पानी में डुबोकर खा सकते हैं या फिर मेथी पाउडर को पानी में डालकर पी सकते है।
  • ये भी पढे अमृत नहीं जहर है मटके का पाणी अगर …. – अमृत नहीं जहर है मटके का पाणी अगर…

    वायरल फीवर के कारण, सावधानी और घरेलू उपचार

    वायरल फीवर कैसे होता है?

    अत्यधिक बारिश के कारण बारिश के मौसम में वायरल फीवर भी काफी तेजी से फैलता है। वायरल फीवर तभी होता है जब व्यक्ति बारिश में भीग जाता है या ठंडी हवा लगने के कारण भी वायरल फीवर होता है। यहाँ तक कि मनुष्य का इम्यूनिटी सिस्टम भी कमजोर हो जाता है। वायरल फीवर के कारण, सावधानी और घरेलू उपचार

    वायरल फीवर से बचने के लिये क्या सावधानी बरतनी चाहिये?

    बारिश के पानी में बिल्कुल भी ना भींगे।वायरल फीवर के दौरान अपने खाने में सलाद को अवश्य शामिल करे।यदि आप सूप पसंद करते हैं तो वायरल फीवर में सूप का सेवन भी जरूर करें।गीले कपड़ों में ऐसी रूम में बिल्कुल भी प्रवेश ना करें।अपने घर के फ्लोर को हमेशा फिनाइल से पोछा लगवाएं।

    वायरल फीवर के घरेलू इलाज क्या है?

    तुलसी के पत्ते, काली मिर्च एवं अदरक का चाय बनाकर वायरल फीवर के दौरान जरूर की पीजिए।वायरल फीवर के दौरान गुनगुना पानी पीजिए।वायरल फीवर के दौरान बाहर का खाना बिल्कुल मत खाइए।

    बारिश में होनेवाली बीमारिया : जॉन्डिस के कारण,सावधानी और घरेलू उपचार

    जॉन्डिस (पीलिया) की बीमारी क्यों होती है?

    अधिकतर जॉन्डिस को पीलिया भी कहा जाता है। बारिश के मौसम में यह बीमारी फैलने का अधिकतर चांस रहता है। इसलिए बारिश के समय में खानपान जितना हो सके घर पर ही करें। बाहर का अशुद्ध पाणी और खाना खाने से भी शरीर में जॉन्डिस पनपता है।

    पीलिया से बचने के लिये क्या सावधानी बरतनी चाहिये?

  • जितना हो सके बारिश के मौसम में ना भींगे।साथ ही खान-पान का ध्यान रखें। बाहर का खाना ना खाएं और साफ पानी पीने का प्रयास करें।
  • पीलिया / जॉन्डिस ठीक करने के घरेलू इलाज क्या है?

  • जॉन्डिस के कारण लीवर पर काफी प्रभाव पड़ता है। इसलिए यदि आप अल्कोहल का सेवन ज्यादा करते हैं तो अल्कोहल को पीना बिल्कुल बंद कर दें।फास्ट फूड खाना बिल्कुल बंद कर दीजिए।जितना हो सके फिल्टर वाला पानी पीजिए।
  • नॉर्मल डिलीवरी के उपाय जानना चाहती हु। मुझे सिजेरियन नहीं करवाना।

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    मेरा नाम रानी है। मै 27 वर्षीय शादीशुदा महिला हु। मेरे लिये नॉर्मल डिलीवरी के उपाय बताइये

    पाँचवा महिना चल रहा है। मै नॉर्मल डिलीवरी चाहती हु। मुझे सिजेरियन नहीं करना। हर दिन योगा

    करती हु। तनाव से मुक्त रहती हु। कृपया नॉर्मल डिलीवरी के लिये कोई उपाय, खानपान की शर्ते, कोई

    व्यायाम हो, तो बताइये। बड़ी मेहरबानी होगी।

    नॉर्मल डिलीवरी के उपाय करें और सिजेरियन टाले

    आजकल के मॉडर्न समय में अधिकतर महिलाओं के द्वारा, नॉर्मल डिलीवरी के दर्द से बचने के

    लिए सिजेरियन डिलीवरी को प्राथमिकता दी जा रही है।हालांकि नॉर्मल डिलीवरी माँ और बच्चे

    दोनों के लिए फायदेमंद है।इसलिए बहुत सी महिलाओं को अपनी गर्भावस्था के पहले दिन से

    ही इस बात की चिंता रहती है कि वह नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करें।तो आइए बताते हैं,

    आपको कुछ ऐसे उपाय जिन्हें अपनाकर आप अपने नॉर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ा सकते हैं।

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    संतुलित आहार से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है-

    एक गर्भवती स्त्री को पूरे नौ महीने तक संतुलित आहार ही लेना चाहिए।प्रोटीन

    युक्त दालें ताज़े फल,दूध से निर्मित वस्तुएँ और हरी सब्जियां आपके और आपके बच्चे की सेहत

    के लिए भी फायदेमंद है और यह संतुलित आहार आपके शरीर को नॉर्मल डिलीवरी के

    लिए भी तैयार करता है।

    खूब पानी पिएं-

    गर्भावस्था में पानी न केवल आपको यूरिन इंफेक्शन से

    बचा के रखता है बल्कि बच्चे के चारों ओर पाए जाने वाले गर्भाशय के तरल को भी पर्याप्त मात्रा

    में बनाए रखता है और यह तरल आपके नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ा देता है।

    पैदल चलना आपको सिजेरियन से दूर रखेगा –

    पैदल चलना या टहलना, एक व्यायाम है जो नॉर्मल डिलीवरी लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

    एक गर्भवती स्त्री को रोज 40 मिनट पैदल चलना चाहिए।इस व्यायाम से लोअर मसल्स

    मुलायम होते हैं और बच्चा सही समय पर जन्म लेने की पोजीशन में आ जाता है।

    चिंता मुक्त रहें-

    किसी भी तरह की चिंता या तनाव लेने से माँ और बच्चे दोनों पर बुरे प्रभाव पड़ते हैं।

    अगर आप तनाव लेते हैं तो आपके नॉर्मल डिलीवरी के चांस कम हो जाते हैं इसलिए खुश रहे

    और तनाव न लें।तनाव लेने से ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो जाती है जो नॉर्मल डिलीवरी में

    सबसे बड़ी रुकावट का कारण बनती है।

    आंवला का मुरब्बा और खजूर-

    आयुर्वेद के अनुसार आंवले का मुरब्बा और खजूर पेल्विक मसल्स को सॉफ़्ट करने में मदद करते हैं और बच्चे

    दानी का मुँह समय पर खुलता है जो नॉर्मल डिलीवरी लिए पहला चरण है।

    स्वास्थ्य का ध्यान रखना-

    आपको अपनी पूरी प्रेगनेंसी में इस बात का ध्यान रखना है कि ब्लड प्रेशर,खून की

    कमी या अन्य कोई सेहत संबंधी बीमारी न हो।खून की कमी को पूरा करने के लिए गाजर

    और अनार जूस ले सकते है।

    स्वास्थ्य का ध्यान रखना-

    आपको अपनी पूरी प्रेगनेंसी में इस बात का ध्यान रखना है कि ब्लड प्रेशर,खून की

    कमी या अन्य कोई सेहत संबंधी बीमारी न हो।खून की कमी को पूरा करने के लिए गाजर

    और अनार जूस ले सकते है।

    डॉक्टर से चेकअप-

    सही समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाते

    रहना भी ज़रूरी है ताकि आने वाली संभावित खतरों के बारे में डॉक्टर आपको सही समय

    पर बता सके और सही समय पर इलाज हो सके।

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    योग और एक्सरसाइज करें –

    अगर आपकी गर्भावस्था में सब कुछ नॉर्मल है तो आप डॉक्टर की सलाह से योग और कुछ एक्सरसाइज

    कर सकती हैं जो आपके पैलविक फलोर को स्मूथ करने में आपकी सहायता करेंगे।

    वैसे तो बच्चे के जन्म से पहले ही आप कुछ बातों से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि डिलीवरी

    नॉर्मल होगी या नहीं।

    अगर 34 वें सप्ताह के बाद बच्चे का सिर नीचे की तरफ यानी की

    जन्म लेने की सही पोजीशन में आ जाता है तथा बच्चेदानी का मुंह दो सेंटीमीटर तक खुल

    जाता है तो नार्मल डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं।किसी भी तरह की दर्द की तकलीफ की

    परवाह न करते हुए अपने आपको एक्टिव रखें,संतुलित आहार खाएं और चिंतामुक्त रहें तो

    नॉर्मल डिलीवरी आसार बढ़ जाएंगे।

    खाज, खुजली जड़ से ख़त्म करने के आयुर्वेदिक इलाज

    खुजली जड़ से ख़त्म : खाज खुजली संक्रामक रोग है। इसलिए ज्यादा खरनाक है। इसलिए आज हम इसके

    लक्षण कारण और आयुर्वेदिक उपाय बतानेवाले है।

    दाद,खाज,खुजली के लक्षण

    खाज या खुजली होने पर त्वचा पर छोटी छोटी फुन्सियां निकल आती हैं| उनमें से पानी भी आता है|

    खुजली शरीर के किसी भी हिस्से में होती हैं| खुजली की तकलीफ रात के वक्त ज्यादा होती है|

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    दाद, खाज, खाज खुजली के कारण

    पेट साफ ना होना, कब्ज, खून में अशुद्धि आदी से खुजली पैदा होती है| एक-दूसरे के कपड़े पहनने से यह रोग बढ़ जाता है|

    खाज, खुजली जड़ से ख़त्म करने के आयुर्वेदिक इलाज

    • नारियल के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर गरम करके खुजली वाली जगह पर लगाले|
    • लहसुन की कुछ कालिया गाय के घी में मिलाकर गरम करे| इससे खुजली वाली जगह पर मालिश करें|
    • पके हुए केले को मसलकर नींबू का रस मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगायें|
    • सरसों के तेल में हरी मिर्च को जलाये| तथा इस तेल से मालिश करें|
    • सरसों के तेल में लहसुन को गरम करे| इसमें थोड़ीसी हल्दी मिलाकर तेल को ठंडा होने दे| इससे मालिश करें|
    • आँवले की गुठली की राख में नारियल तेल में मिलाकर लगायें|
    • अजवायन के तेल को खाज-खुजली पर लगाले|
    • देशी गाय के गोबर, गोमूत्र का खाज खुजली की जगह पर लेप करे| इससे बहुत जल्दी आराम मिल जायेगा|
    • करंज, नीम और निरगुंडी इन तीनों की छाल को पीसकर पानी में मिलाकर खाज-खुजली वाली जगह पर लगायें|
    • दूध, हरडे, सेंधा नमक, चकवड और वन तुलसी इन सभीको समान मात्रा में लेकर पीसकर खाज-खुजली वाली जगह पर लगायें|
    • तिल के तेल में हल्दी को मिलाकर लगाले| इससे चर्म रोग नहीं होता|
    • नीला थोथा, मिट्टी का तेल और नींबू का रस मिलाकर लगाले| इससे खाज-खुजली ठीक हो जाती है|
    • २ चम्मच नारियल का तेल ले| इसमें १ चम्मच टमाटर का रस मिलाकर मालिश करे फिर बाद गर्म पानी से स्नान करें| खाज – खुजली में आराम मिलेगा|
    • सूखे सिधांडे के पावडर में नींबू का रस मिलाकर लगाने से चर्म रोगों में फायदा होता है|

    आशा है आपको “खाज, खुजली जड़ से ख़त्म करने के आयुर्वेदिक इलाज” यह जानकारी पसंद आई होगी|

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    निवेदन: इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया पर जरुर शेअर करे ताकि दूसरों को भी इसका फायदा हो सके| शायद कोई महंगी फीस की वजह से इलाज ना करा पा रहा हो और इस तकलीफ से जूझ रहा हो| तो यह जानकारी उसे बहुत काम आ जायेगी और वह आपका एहसान जरुर मानेगा|

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    महिलायें क्यों रखती है श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत ? क्या है नियम ?

    हमारा सनातन भारत त्योहारों का देश हैं। यहां पर अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी,

    हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार हैं। आज हम आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में मुख्य तथ्य बताने जा रहे हैं। आईए

    जानते है, क्या है शुभ मुहूर्त

    श्री कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त

    तीथी शुभ मुहूर्त
    जन्माष्टमी तिथि30 अगस्त 2021
    अष्टमी तिथि शुरू29 अगस्त रात 11:25
    अष्टमी तिथि समाप्त31 अगस्त सुबह 1:59
    रोहिणी नक्षत्र शुरू30 अगस्त सुबह से 6:39
    रोहिणी नक्षत्र समाप्त31 अगस्त सुबह 9:44
    निश्चित काल30 अगस्त रात 11:59 से लेकर सुबह 12:44 तक
    अभिजीत मुहूर्त30 अगस्त सुबह 11:56 से लेकर रात 12:47 तक
    गोधूलि मुहूर्तशाम 6:32 से लेकर शाम 6:56 तक
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त

    जन्माष्टमी की पूजा विधि

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
    • घर के मंदिर की साफ- सफाई करें।
    • देवालय में ज्योत जलाए।
    • सभी देवताओं को स्नान करवाएं।
    • बाल कृष्ण की मूर्ति का जलाभिषेक करें।
    • गोपाल जी का साज श्रृंगार करें तथा झूले में झुलाये।
    • लड्डू गोपाल जी को सात्विक भोजन का भोग लगाएं।
    • कृष्ण जन्माष्टमी पर रात्रि की पूजा का अत्यधिक महत्व होता है।
    • रात्रि को लड्डू गोपाल जी को पंचतत्व से स्नान करवा कर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
    • इसके पश्चात गोपाल जी की आरती की जाती हैं, एवं मावा- मिश्री का भोग लगाया जाता हैं।
    • लड्डू गोपाल जी की अच्छे से सेवा की जाती हैं, और भजन कीर्तन इत्यादि धर्म किए जाते हैं।

    श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर उपवास का महत्व

    कृष्ण जन्माष्टमी को पूरे ही भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं। जन्माष्टमी के

    उपलक्ष में भक्तों के द्वारा उस दिन उपवास किया जाता हैं। इस उपवास का अत्यधिक महत्व होता हैं।

    भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए इस उपवास को रखते हैं। इस उपवास को सात्विक

    भोजन के द्वारा ही रखा जाता हैं।

    उपवास रखने से पहले कुछ बातें ध्यान रखने योग्य बातें

    श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर खाने पीने के कुछ नियम है। उसका पालन अवश्य करें। नीचे दिए गये

    व्रत से 1 दिन पहले पोष्टिक खाना खाए

    अगर आप जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं,तो उससे एक दिन पहले आपको पोष्टिक खाना खाना चाहिए।

    जिससे आपका पाचन तंत्र सही रहे।जिस दिन आप व्रत रखते हैं, उस दिन आपको ज्यादातर

    मसालेदार और तले हुए पदार्थ खाने से बचना चाहिए, नहीं तो आपको एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है।

    व्रत के दिन खूब पानी पिए

    अगर हम किसी दिन व्रत रखते हैं, तो उस दिन हम भूखे रहकर पानी नहीं पी सकते। परंतु हमें खूब

    सारा पानी पीना चाहिए, नहीं तो हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।अगर पानी की कमी हो

    जाती है, तो हमें बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ता हैं। इसीलिए आपको कम से कम

    5 से 6 लीटर पानी पीना चाहिए।

    फल खाना होगा लाभदायक साबित

    अगर आपको उपवास करने में दिक्कत होती हैं, तो आप दिन में दो बार फलाहार कर सकते हैं।

    फलाहार का मतलब होता है, फल खाना। आपको ऐसे फल खाने चाहिए, जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो।

    फल खाने से आपके शरीर में कमजोरी भी नहीं आएगी और पानी की मात्रा भी पर्याप्त बनी रहेगी।

    इससे आपके शरीर में सुस्ती भी नहीं आएगी और आप एक्टिव रहेंगे।

    शायद इनको आपके सलाह की जरूरत है पति रातभर खर्राटे मारते है। मै सो भी नहीं पाती। परेशान हु। क्या करू ? – (myjivansathi.com)

    तला हुआ भोजन करने से बचें

    व्रत के दिन आपको तला हुआ भोजन करने से बचना होगा। कई लोग साबूदाने की टिक्की, पकोड़े, समोसे, इत्यादि बना लेते हैं। ऐसे में आपको इससे एसिडिटी होने की दिक्कत हो सकती हैं।

    अत्यधिक भोजन बिल्कुल ना करें

    पूरे दिन उपवास करने के बाद अधिकतर लोग जब व्रत खोलते हैं, तब अपनी थाली को पूरी तरह से खाने से भर लेते हैं, परंतु यह नुकसानदायक हो सकता हैं। एक साथ इतना सारा भोजन खाने से आपका वजन बढ़ने की समस्या भी हो सकती हैं। 

    अविवाहित हु। बाल गिरने लगे है। झड़ने से रोकने के उपाय बताइये।

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    मै 23 साल की अविवाहित लड़की हु।अपनी सेहत और ब्यूटी के मामले में काफी सतर्क हु। बाल गिरने लगे है।

    घरवाले मेरे लिये शादी का रिश्ता तलाश कर रहे है। इस साल मेरी शादी भी हो जाएगी।

    मै हरदिन योगा भी करती हु। खाने में सब विटामिन मिले ऐसा ध्यान भी रखती हु। फिर भी पिछले

    3 सालों से मेरे बाल झड़ रहे है। बहुत उपाय करके देखे।मगर अब भी बाल झड़ रहे है। मुझे क्या

    करना चाहिये ताकि मेरे बाल ना झड़े ? घरेलू इलाज बताइए।

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    हमारी सलाह : बाल गिरने लगे है।

    काले, घने, मोटे, लम्बे बाल हमारी नैचुरल खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं

    पर कई लोग बाल झड़ने की परेशानी से ग्रस्त होते हैं|

    बाल झड़ने के कारण (Hair Fall Causes)

    बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की प्रदूषित वातावरण, बढ़ती उम्र, अत्यधिक तनाव,

    धूम्रपान, खून की कमी, रुसी, मसालेदार खाना, अपर्याप्त नींद, खराब जीवनशैली, हार्मोनल

    बदलाव, शैम्पू आदी का ज्यादा इस्तेमाल, लंबे समय तक बाल ना धोना आदि|

    ऐसे रोके बालों का झड़ना(how-to-stop-hair-fall-home-remedies)

    घरेलू नुस्खों को अपनाकर बालों को झड़ने से रोका जा सकता है| इससे बाल झड़ना कम हो जायेंगे

    साथ ही आपके बाल लंबे, घने, मज़बूत भी बनेंगे|

    ज्यादा केमिकल युक्त शैम्पू बंद करे

    बालोंका झड़ना, टूटना बंद करने के लिए ज्यादा केमिकल युक्त शैम्पू / साबुन का इस्तेमाल बंद करे|

    इसकी जगह आप शिकाकाई, रीठा, आंवला, मेथी इनमेसे किसी का भी इस्तेमाल कर सकते है|

    इसके इस्तेमाल के लिए इनमेसे किसी एक को पूरी रात पानी मे भिगोकर रख दे| सुबह उसी पानी में उबाले।

    इस पानी से बाल धोने से बालोंका झड़ना, टूटना काफी कम हो जाता है| बाल सूखने के बाद

    नारियल तेल का इस्तेमाल कर ले|

    छिलके वाले पदार्थ पीस के बालों पर लगाले

    बालोंका झड़ना, टूटना बंद करने के लिए छिलके वाले पदार्थ काफी फायदेमंद साबित होते है|

    छिलके वाले पदार्थ जैसे के दाल आदी को भी बालों मे लगाने से भी हेयर फॉल कम से छुटकारा

    हो जाता है| ऐसा रेगुलर करते रहने से आप बालों को गिरने से रोक सकते है|

    सरसो का तेल

    सरसों का तेल, नारियल तेल और तिल का तेल को सही मात्रा मे मिलाले| इसे थोड़ासा गर्म करके

    बालो मे लगाकर १०-१५ मिनिट हल्के हाथो से मालिश करे| इससे धीरे धीरे बालों की झड़ने की

    समस्या कम हो जाती है|

    बाल गिरने लगे है तो मेथी से करें इलाज

    बाल झड़ने रोकने के उपाय में मेथी काफी कारगर है| मेथी को पूरी रात भिगोले| सुबह पूरा

    पानी निकालकर पीस कर पेस्ट बना ले| इस पेस्ट को बालों मे और जड़ो मे लगाले| इसे ३०मिनिट

    तक ऐसेही रहने दे| इससे बाल झड़ना कम होते है साथ ही और बाल बहुतही मुलायम बनते है

    मुलायम बालोंका तुरंत असर भी आपको देखनेको मिलेगा|

    दही से लों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय

    खट्टे दही को हर दूसरे दिन बालो मे लगाले| इससे भी आपके हेयर फॉल की समस्या दूर हो जायेगी|

    लहसुन और नींबू का रस

    लहसुन का पेस्ट और नींबू के रस को मिलाले| इस मिश्रण को बालो मे लगाले| लहसुन बालो को

    पकने नही देता| नींबू रुसी की वजह से झड़ते हुए बालों को रोक देता है|

    अंडा और नींबू का रस

    एक अंडे मे आधा चम्मच नींबू के रस को मिलाले| इसे बालो के जड़ में लगाले| इससे बाल कम

    झड़ते है और मुलायम भी बनते है|

    नीम का तेल

    नीम के पत्तो का घरपर तेल बनाले|

    ताजे नीम के पत्तों का पेस्ट बना ले| इस पेस्ट में सरसो का तेल या नारियल के तेल डाल ले|पानी

    पूरा उड़ जाने तक उबाल ले| उसे ठंडा कर दे| इस तेल का हररोज उपयोग करने से बालों के झड़ने

    की समस्या से राहत मिलती है|

    पका हुआ केला

    पके हुए केले का पेस्ट बना ले|इस पेस्ट को रोजाना बालो की जड़ो मे लगानेसे हेयर फॉल कम होता है|

    पालक

    पालक की सब्ज़ी का अपने खाने मे प्रयोग करे| इससे बाल झड़ने की समस्या से राहत मिलती है|

    धूप से बचे

    ज्यादा धुप से बचे| क्योंकि ज़्यादा धूप से भी बाल झड़ते है| धूप मे जाते समय ज़्यादा सर ढककर जाये|

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    आशा है आपको “बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय” यह जानकारी पसंद आई होगी|

    निवेदन: इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया पर जरुर शेअर करे ताकि दूसरों को भी इसका फायदा हो सके| शायद कोई महंगी फीस की वजह से इलाज ना करा पा रहा हो और इस तकलीफ से जूझ रहा हो| तो यह जानकारी उसे बहुत काम आ जायेगी और वह आपका एहसान जरुर मानेगा|