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Friday, December 20, 2024

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Wart removal home remedies । अनचाहे मस्से हटाने के घरेलु नुस्खे

Wart removal home remedies मै 30 साल की शादीशुदा महिला हु। पिछले 2 सालों से मस्सों

की वजह से परेशान हु। मेरे चेहरे पर मस्से या रहे है। कहीं और होते तो छिपाना आसान था मगर

चेहरे के मस्से को कैसे छुपाऊ ? कृपया मुझे मस्से क्यों आते है ये बताए। और साथ ही साथ मार्गदर्शन करें

की, क्या इसका कोई घरेलू इलाज है जिससे अनचाहे मस्से हटा सकु ?

हमारी सलाह

Wart removal home remedies । अनचाहे मस्से हटाने के घरेलु नुस्खे

मस्से को आप आसानी से घरबैठे हटा सकते है।

  • हमने नीचे कुछ कारण बताएं है।
  • और साथ ही साथ घरेलू इलाज भी।
  • निश्चित ही आपको इस जानकारी का लाभ होगा।
  • आप भी पढे, दूसरों को भी बताए।

मस्से क्यों होते हैं? what causes warts

मुख्यता ‘ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस’ के कारण मस्से आ जाते है । मस्से के विषाणु संक्रमण से पैदा होते है,

और ये वहांसे प्रवेश करते हैं जहां पर त्वचा कटी फटी हो।  मस्से के लक्षण warts symptoms and signs

त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकसित हो जाना इसका लक्षण है| मस्से अपने आप विकसित होकर

अपने आप ही गायब हो जाते हैं| पर कई बार मस्से अत्याधिक पीड़ादायक होते हैं। यह तेज़ी से फैलते हैं,

और इनमे से कई मस्से बरसों तक रहते हैं जिनका इलाज कराना ही सही है। कुछ मस्से अपने आप ही

चले जाते हैं| और कई मस्से कई सालों तक भी रहते हैं| मस्से पुनः भी हो सकते हैं| नीचे कई सारे इलाज

दिए गए हैं, इनमें से आपको जो आसान लगता हो वह अपना  लीजिए। अगर 1 माह के बाद भी फर्क

ना नजर आए तो दूसरा तरीका अपना सकते हैं|  क्योंकि मस्से की किस्मे अलग अलग होती है,

इसीलिए कोई मस्सा ज्यादा समय लेता है या कोई कम।


मस्से हटाने के सुझाव: (tips to remove warts)


अगर मसोंकी मात्र बहुत ज्यादा है, तो इन्हें ना अपनाये| डॉक्टर की जरुर सलाह ले ले| आंख जैसी जगहोंपर है तो इन्हें न अपनाएं| क्यूंकि मस्से हमारी त्वचा का एक हिस्सा बन चुके होते है| इन्हें निकालने के लिए हमारी त्वचा पर जलन महसूस होती है | कोईभी तरीका अपनानेसे पहले थोड़ी मात्रा में इसे अपनाकर देखे| अगर आपको सही लगे तो ही अपनाइए|

Wart removal home remedies । अनचाहे मस्से हटाने के घरेलु नुस्खे

ये भी पढे : grow hair again naturally । गंजे सर पर बाल उगाने का घरेलू नुस्खा। - (gharelunuske.com)

 मस्से के आयुर्वेदिक इलाज:wart removal home remedies

बरगद के पेड़ के पत्तों का रस अपने मस्सों पर लगा लीजिये| इससे त्वचा सौम्य बनकर मस्से अपने

आप ही गिर जायेंगे। कच्चे आलू के रस को मस्सों पर नियमित रूप से थोड़ी देर रगड़े और फिर

ऐसेही सूखने दे| इससे मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से

पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें। यह प्रयोग आप दिन में २ बार करें, जब तक मस्सा निकालकर

गिर ना जाये|अगरबत्ती को जलाले| जलते हुए अगरबत्ती की गुल को मस्से से स्पर्श करा कर तुरंत हटा ले|

ऐसा ८-१० बार या फिर मस्से की साइज के हिसाब से कर ले| इससे मस्सा जलकर सुखाकर झड

जायेगा। अरंडी का तेल / कपूर के तेल का भी आप इस्तेमाल कर सकते है| इसे नियमित रूप से

मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। लहसून के एक

टुकड़े को पीस लें, पर बहुत महीन नहीं, पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें।

ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगाकर पट्टी से बांध लें। इसे दिन में आप ३-४ बार कर सकते है।

ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे। पान में खाने का चूना मस्से पर घिसें, आपके मस्से झड़ जायेंगे।

नियमित रूप से प्याज का रस रगड़ने से भी मस्से झड जाते है| उम्मीद है कि यह जानकारी

आपको काफी फायदेमंद साबित होगी |

अगर आपको हमारी यह जानकारी /  कोशिश अच्छी लगी है तो कृपया इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें |

और इस लेख के बारे में कुछ सुझाव / शिकायत है तो हमें कमेंट जरुर करें |

grow hair again naturally । गंजे सर पर बाल उगाने का घरेलू नुस्खा।

मै 26 साल की शादीशुदा महिला हु। पति के बाल झड रहें है। how to grow hair again naturally

बाल झड़ना बंद नहीं हो रहा है। मेरे पति 30 साल के नौकरी करनेवाले इंसान है।

पिछले 6 सालों में उनके बाल गिरना अचानक शुरू हुआ। बहुत कुछ ट्राय किया

मगर बाल नहीं रहे। पता नहीं बाल गिरने का कारण क्या था। किसी की राय काम नहीं आयी

क्या आप उनको फिर से बाल उगाने के लिये आयुर्वेदिक नुस्खा बता सकते है?

पाठकों से विनम्र निवेदन

दोस्तों, पूछे गए किसी भी समस्या को आप हल कर सकते हो , तो कमेन्ट में जरूर बताए। आपकी राय हमारे लिये महत्वपूर्ण है। आपकी छोटी सी सलाह भी किसी के लिये बहुमूल्य हो सकती है।


गंजापन के कारण / Causes of Hair Loss:

  • रूसी,
  • तनाव
  • बालों में डाई या कलर अधिक मात्रा में करना
  • जरूरी पोषण ना मिलना
  • किसी दवा का साइड इफेक्ट होना
  • खून में आयरन की कमी होना
  • बालों की सही से सफाई न करना
grow hair again naturally । गंजे सर पर बाल उगाने का घरेलू नुस्खा।

बाल झड़ने से बचाने के लिये टिप्स

हररोज स्कैल्प की मालिश करें:

मालिश करने से बालों के आसपास के सभी रोमछिद्र (folicles) मैं अच्छा रक्त संचार शुरू होता है,

और बालों को  फिर से उगने के लिए सही परिस्थिति निर्माण हो जाती है।

  1. अपनी उंगलियों को बालों में गोलाकार घुमाते हुए स्कैल्प की मालिश करें।
  2. मालिश करने के लिए आप बादाम तेल / जोजोबा तेल /नारियल तेल का भी उपयोग कर सकते हैं |
  3. जब भी आप बाल धोते हैं, तब अपने स्कैल्प की मालिश करने की आदत डालें।
  4. आप किसी प्रोफैशनल से मालिश करना सीख सकते हैं,
  5. जिससे आप अपने स्कैल्प की मालिश बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

सल्फेट / रूखे सामग्री शामिल वाले शैम्पू का इस्तेमाल न करें:


कई शैम्पू सफाई के लिए सल्फेट का इस्तेमाल करते हैं। यह बालों से प्राकृतिक तेल को निकाल लेता है,

इससे बालों शुष्क और नाज़ुक बनते है। इससे बाल झड़ने / टूटने लग जाते  हैं। इसकी जगह आप सौम्य,

शैम्पू का इस्तेमाल करते है | इससे आपको कुछ ही सप्ताह में आपको परिणाम दिखाई देगा

आहार में बदलाव लाएं: grow hair again naturally

  • प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाए जैसे की अंडा, मीट, अखरोट, फलियां, हरी सब्जियां आदि
  • खाने में ओमेगा
  • फैटी एसिड शामिल करें |  इसकी कमी से आपके बाल रूखे और बेजान दिखने लगते हैं।
  • यह मछली से निकले तेल, अलसी का तेल, ऐवकाडो, अखरोट आदि में पाया जाता है |
  • हरी सब्जियां, रेड मीट आदि में आयरन पाया जाता है । आयरन से भरपूर आहार लें
  • प्रतिदिन भरपूर पानी पीएँ। कॅाफी, सोडा और शराब न पिए

ये बदलाव आपके बाल बचा सकते है।

  • गीले बालों में ब्रश का इस्तेमाल न करें।
  • हेअर मास्क का प्रयोग करे
  • रूखे बालों के लिए शहद, अंडे की सफेदी और आर्गन तेल का मास्क
  • साधारण बालो के लिए, एलोवेरा और ओलिव आयल का मास्क
  • ऑयली बालो के लिए, सेब के सिरके और अरंडी के तेल का मिश्रण
  • मास्क लगाने  से बालों को नमी मिलती है| साथ ही बाल घने और लंबे भी हो जाते हैं
  • बाल हर रोज ना धोए
  • खाने में नमक का इस्तेमाल कम करें

 गंजे सर पर बाल उगने के घरेलू उपचार /दवाएं: grow hair again naturally

प्याज के रस से गंजापन कैसे दूर होता है ?

प्याज का रस निकाल कर आप अपने सर पर लगा लीजिए। इसे आप ऐसे ही आधा घंटे तक रख सकते हैं। आधे घंटे बाद किसी सौम्य शैंपू से बाल धो सकते हैं। यह उपचार आप हफ्ते में दो या तीन बार कर सकते हैं

आंवला का रस बाल उगाने में कैसे महत्वपूर्ण है ?

गंजेपन के लिए आंवला का रामबाण साबित होता है। एक कटोरी में तीन चार चम्मच आंवला का रस ले ले इसमें उतनी ही मात्रा में नींबू का रस मिला ले। इस मिश्रण से रात को सोने से पहले अपने सिर की अच्छी से मालिश कर ले। सुबह होने के बाद इसे धो दे।

मेथी के बीज से गंजे सिर पर फिर से बाल कैसे उगाए ?

गंजे सिर पर बाल उगाने के लिए यह उपाय भी काफी कारगर साबित होता है। मेथी के दानों को आप रात में एक कटोरी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इन बीजों को पिस ले, इस पेस्ट को  अपने सर पर लगा ले, इसे 1 घंटे तक ऐसे ही रहने दे। 1 घंटे बाद सौम्य शांपू से धो ले। अगर आप यह उपाय एक महीने तक करते हैं, तो आपको काफी फर्क नजर आ जाएगा।

दही और कपूर से गंजापन कैसे दूर करे ?

दोनों को बराबर मात्रा में ले। और सर पर उन जगहों पर लगाएं जहां बाल नहीं है

बुखार के आयुर्वेदिक इलाज । इससे असरदार दूसरा इलाज नहीं है

बुखार के आयुर्वेदिक इलाज आयुर्वेद भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे पुराने उपचार विज्ञानों में से एक है,

जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति 5000 साल से भी पहले हुई थी। इसे सभी उपचारों की

जननी के रूप में जाना जाता है और आयुर्वेद नाम का अर्थ है जीवन का विज्ञान, जिसका उल्लेख अथर्ववेद

में किया गया है। आयुर्वेद को निपुण आचार्यों से अपने छात्रों को मौखिक ज्ञान के रूप में पीढ़ियों से पारित

किया गया है।

आयुर्वेद दवाई जड़ से हर बीमारी का इलाज करता है। चाहे बीमारी कैसी भी हो, आयुर्वेद के द्वारा भी

अच्छा इलाज किया जाता है।

मौसम में बदलाव आने के कारण लोगों को बुखार आता है। बीमारियों के इस मौसम में बुखार से निपटने के

आयुर्वेदिक तरीके के बारे में थोड़ा जान लेना ही समझदारी है।

आयुर्वेद के अनुसार बुखार पित्त, वात और कफ ऊर्जा के असंतुलन के कारण होता है। तनाव, विकार

या गलत पोषण असंतुलन का कारण बनते हैं, जिससे पाचन तंत्र खराब हो जाता है। इसका मतलब है

कि छोटी और बड़ी आंत में विषाक्त पदार्थ सड़ जाते हैं और पूरे शरीर में फैल जाते हैं। विषाक्त पदार्थ

के वायरल होने के कारण ही बुखार आता है।

ये भी पढे 6 महीने पहले गर्भनिरोधक गोली खाई थी। तब से अनियमित मासिकधर्म की समस्या है।

बुखार से मुक्ति का आयुर्वेदिक तरीका

आयुर्वेद का मानना ​​है कि कम बुखार आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों को जलाने में मदद करते हैं।

लेकिन हल्के आहार और कुछ जड़ी-बूटियों से पाचन तंत्र पर पड़ने वाले तनाव को दूर करके तेज

बुखार का इलाज करना जरूरी होता है। आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति को बुखार के दौरान फल

काढ़ा और गर्म सूप पीना चाहिए।काढ़ा बनाने के लिए फायदेमंद जड़ी बूटियों का प्रयोग करना

चाहिए जैसे- तुलसी, अदरक, काली मिर्च, हल्दी, किशमिश और मेथी के बीज।

अदरक का प्रयोग कीजिए-

आयुर्वेद में, अदरक का उपयोग सदियों से विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है।

यह आपके शरीर में संक्रमण, बैक्टीरिया और किसी भी सूजन से आसानी से लड़ सकता है।

यदि आप आसानी से संक्रमित होते है तो आपको अदरक की चाय का सेवन अक्सर करना चाहिए।

आप लेमन टी में भी अदरक डाल कर चाय पी सकते है।

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दालचीनी का प्रयोग-

गले के संक्रमण जैसे- खांसी और जुकाम में यह सुगंधित मसाला आपको काफी राहत दे सकता है।

यह एक एंटीबायोटिक है जो किसी भी फ्लू को रोकने की क्षमता रखता है। इसका सेवन आप अपनी

चाय में कर सकते हैं। यह आपके चाय को अच्छा स्वाद, सुगंध देगा और आपको इसका लाभ भी मिलेगा।

कुचला हुआ लहसुन का प्रयोग करें-

यह बुखार, खांसी और सर्दी के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले उपचारों में से एक है।

लहसुन में जीवाणुरोधी गुण होते हैं और इसलिए इसमें बुखार, खांसी और सर्दी के लिए बड़ी उपचार शक्ति होती है।

आप 4-6 कुचले हुए लहसुन की कलियां ले सकते हैं और सीधे इसका सेवन कर सकते हैं।

लहसुन का कच्चा स्वाद आपको यदि पसंद नहीं है तो आप इसे दही के साथ भी ले सकते हैं।

वायरल फीवर के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी है?

महर्षि आयुर्वेद वायरल संक्रमण के लिए अयूर डिफेंस-एवी- आयुर्वेदिक दवा की सलाह देते हैं।

आयुर-रक्षा एवी में जड़ी-बूटियों का सहक्रियात्मक प्रभाव शरीर को अपनी प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद करता है।

सामान्य फ्लू जैसे लक्षणों का सामना करने पर इस फॉर्मूलेशन में जड़ी-बूटियां भी मदद करती हैं।

यह दवा बुखार, बहती नाक, सांस लेने में कठिनाई और खांसी को ठीक कर देती हैं।

क्या आप भी हैं मोटापे से परेशान | troubled by obesity?

troubled by obesity? क्या आप भी हैं मोटापे से परेशान?

पुराने जमाने में दूर-दूर तक किसी भी व्यक्ति पर मोटापा नहीं देखा जा सकता था

परंतु आज के आधुनिक समय में लोगों की भागदौड़ भरी जिंदगी में मोटापा एक गंभीर

समस्या बनता जा रहा है। छोटे बच्चे, बड़े तथा वयस्क सभी इस बीमारी से ग्रस्त होते जा रहे हैं।

पहले कहा जाता था कि मोटापा खाते पीते घर की निशानी है पर असल में यह बीमारियों का घर है।

अगर आप भी हैं मोटापे से ग्रस्त और ढूंढ रहे हैं इसके बारे में संपूर्ण जानकारी, तो आप बिल्कुल

सही जगह पहुंचे हैं तो चलिए करते हैं चर्चा मोटापे के कारण और निवारण पर।

आखिर क्यों बढ़ता जा रहा है मोटापा

 कुछ लोगों को मोटापा किसी बीमारी की वजह से भी आ सकता है लेकिन अधिकतर लोगों ने

अपनी गलतियों की वजह से मोटापे को बढ़ावा दिया होता है

गलत खान पान 

एक जमाना था जब लोग घर के बने हुए शुद्ध खाने को सेहत के लिए प्राथमिकता देते थे परंतु

आजकल लोग बाहर का खाना, खाना अपना स्टेटस सिंबल मानते हैं। हर रोज फास्ट फूड तथा

बाहर का तला भुना खाना भी मोटापे की बीमारी का एक महत्वपूर्ण कारण है

शारीरिक गतिविधियों का कम होना 

देखने में आता है कि बच्चे सारा दिन टीवी और मोबाइल में लगे रहते हैं और व्यक्ति अपने ऑफिस के

काम में बैठे रहने के कारण अपनी शारीरिक गतिविधियों तथा एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकालते

और धीरे धीरे कब मोटापे का शिकार हो जाते हैं, उन्हें इस बात का पता भी नहीं चलता।

मानसिक तनाव 

बदलते समय के साथ रोजमर्रा की जिंदगी में हर व्यक्ति को तनाव से गुजरना पड़ता है जिस

वजह से भी वजन बढ़ना शुरू हो जाता है

दवाइयों के दुष्प्रभाव 

 कुछ दवाइयां भी ऐसी होती हैं जो मोटापे का कारण बन जाती हैं। इसलिए किसी भी दवाई का

प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए

अनुवांशिक कारण 

यदि परिवार के किसी एक सदस्य को मोटापे की परेशानी है तो उसी परिवार में किसी दूसरे

सदस्य को मोटापे से ग्रस्त होने के चांस बढ़ जाते हैं।

 मोटापे को कैसे कम करें

जैसे ही आपको लगे कि आपका वजन बढ़ने के साथ मोटापा भी दिखाई देने लगा है तो आपको

डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। क्योंकि जरूरी नहीं कि हमेशा आपका खान-पान इसके लिए

जिम्मेदार हो। कई बार यह किसी संभावित खतरे की निशानी भी हो सकता है। 

 खाने पीने में बदलाव 

अपने स्तर पर जो काम हम सबसे पहले शुरू कर सकते हैं, मोटापे को कम करने के लिए वह है

अपने खानपान में बदलाव करके। वसायुक्त चीजों को त्याग कर और प्रोटीन तथा फाइबर का सेवन

करके हम मोटापे को शुरुआत में ही कंट्रोल कर सकते हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों तथा

ताजे फल का सेवन करना चाहिए। troubled by obesity?

 एक्टिव रहें

 सिर्फ खानपान से ही सब कुछ नहीं हो सकता। इसके लिए आपको अपने शरीर में जमा हुई

चर्बी को कम करने के लिए एक्सरसाइज भी शुरू करनी होगी। 

 डॉक्टरी परामर्श

 कई बार थोड़ी बहुत दवाइयां लेकर भी इस समस्या से निजात पाई जा सकती है

दुष्प्रभाव

मोटापे को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह दिल की बीमारी ,फेफड़े,

सांस लेने में समस्या तथा अन्य गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती है।

40 के बाद गर्भावस्था | Pregnancy after 40 problems/Solution

Pregnancy after 40 problems/Solution आमतौर पर माँ बनने की सही उम्र 30 वर्ष तक

मानी गई है,परंतु आजकल की व्यस्तता भरी जिंदगी के कारण अधिकतर महिलाएं 40 वर्ष के बाद

माँ बनने का फैसला लेती है।
जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे ही गर्भधारण करने में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है।
ऐसा नहीं है कि 40 वर्ष के बाद गर्भधारण करना नामुमकिन है परंतु उम्र बढ़ने के साथ साथ एक

औरत के शरीर में बहुत से शारीरिक बदलाव आते हैं जिसकी वजह से गर्भधारण करने में मुश्किलों

का सामना करना पड़ता है।
इसलिए यदि 40 वर्ष की उम्र के बाद माँ बनने का फैसला लेती है तो आपको कुछ

सावधानियां जरूर रखनी चाहिए।
आइए, इन मुश्किलों और सावधानियों के बारे में बात करते हैं।

समस्या

1-उच्च रक्तचाप- बड़ी उम्र में गर्भधारण करने पर उच्च रक्तचाप एक प्रमुख समस्या है,

जिससे न केवल गर्भवती औरत पर जबकि आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर गर्भस्थ शिशुओं का वजन कम होने और समय पूर्व प्रसव की संभावना रहती है।

2- जेस्टेशनल डायबिटीज यानी गर्भावधि मधुमेह-वैसे तो गर्भावस्था के दौरान मधुमेह किसी भी

उम्र की महिलाओं में हो सकता है परंतु 40 वर्ष की अवधि के पश्चात इसकी संभावना काफी बढ़ जाती है।

3-गर्भपात-अन्य शारीरिक बदलावों की तरह बढ़ती उम्र के साथ बच्चेदानी का कमजोर होना

भी आरंभ हो जाता है जो गर्भपात का मुख्य कारण बनता है।

4-सिजेरियन डिलीवरी-इस उम्र में बच्चे को प्राकृतिक रूप से जन्म देना यानी कि नॉर्मल

डिलीवरी की संभावना भी बहुत कम हो जाती है।
ज्यादातर मामलों में सिजेरियन डिलीवरी को ही प्राथमिकता दी जाती है।

5-गर्भनाल अथवा प्लेसेंटा का कम होना- माँ के पेट में शिशु का आहार गर्भनाल द्वारा ही प्राप्त होता है।
लेकिन 40 वर्ष की उम्र के पश्चात गर्भनाल का कम होना भी एक प्रमुख समस्या है।

6- प्रजनन क्षमता में कमी- मेनोपॉज का समय नजदीक आते-आते अंडों की गुणवत्ता में कमी आने लगती है।
अधिकतर महिलाओं में 40-50 वर्ष की उम्र तक मेनोपॉज आरंभ हो जाता है।

सावधानियां

वैसे तो 40 वर्ष की उम्र के पश्चात यदि आप गर्भ धारण करती है तो आपको बहुत सारी समस्याओं

का सामना करना पड़ सकता है लेकिन कुछ सावधानियां अपनाकर आप माँ बनने का सपना पूरा कर सकती है।

1-चिंता मुक्त रहें-अपने आप को तनाव मुक्त रखें क्योंकि तनाव लेना न सिर्फ बड़ी उम्र की

गर्भावस्था में बल्कि और उम्र की गर्भावस्था में एक गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है।
इसलिए अपने बच्चे के लिए तनाव मुक्त रहकर अपनी गर्भावस्था का आनंद ले।

2- संपूर्ण आहार-प्रोटीन युक्त दालें,भीगे हुए मेवे, दूध-दही,हरी सब्जियां और ताजे फल एक संपूर्ण

आहार के रूप में आपको और आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।

3-जीवन शैली में बदलाव-अपने वजन को नियंत्रण में रखना और अगर आप शराब या धूम्रपान

करती है तो इसका सेवन बंद करके भी अपनी गर्भावस्था को स्वस्थ बना सकती है।

4-शारीरिक जाँच-गर्भधारण करते ही महिला चिकित्सक से मिलकर अपनी शारीरिक जाँच करवाएं ताकि वो आपको संभावित खतरों के बारे में पहले ही अवगत करा सकें।

माँ बनना एक सुखद एहसास है,इसलिए सभी चिंताओं से मुक्त होकर गर्भावस्था का आनंद लें।