प्रश्न : मेरी उम्र 35 साल है। मै एक धार्मिक किस्म की महिला हु। मुझे पता नहीं है, की क्यों हम
मंदिर में प्रदक्षणा लगाते है। इससे क्या लाभ मिलता है । क्या आप इसका सही कारण बता
सकते है?
जवाब
हम सभीने पूजा करते वक्त देवी-देवताओं की परिक्रमा जरुर की है। पर क्या अपने कभी सोचा है
की आखिरकार हम क्यों मंदिर की परिक्रमा लगाते है? शास्त्रों में बताया गया है भगवान/ मंदिर की
परिक्रमा करने से पुण्य प्राप्त है, पाप नष्ट होते हैं। परिक्रमा करने से हमें उतना ही पुण्य प्राप्त होता
है जितना देवताओकी आराधना प्राप्त करने से होता है| साथ ही इसका वैज्ञानिक महत्व भी है।
जिन मंदिरों में पूरे विधिके साथ देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाती है, वहां मंदिर के आसपास दिव्य
शक्ति हमेशा कार्यरत रहती है। तो जाहिर सी बात है की मंदिर की परिक्रमा करने से उस शक्ति
से हमें भी ऊर्जा मिलती है। जिससे मन शांत होता है। जिस दिशा में घड़ी की घुमती है, उसी दिशा में
मंदिर की परिक्रमा करनी चाहिए, क्योंकि दैवीय ऊर्जा का प्रवाह भी इसी प्रकार रहता है।
मंदिर परिक्रमा से जुड़े अहम सवाल जवाब
कीस दिशा में परिक्रमा लगानी चाहिये ?
नंगे पाव परिक्रमा करनी चाहिये। इस वक्त अगर आपके कपड़े गीले हो तो और अधिक लाभ मिलेगा।
कई मंदिरों में आपने शायद देखा होगा की पवित्र जलकुंड में स्नान करके लोग गीले कपड़े के साथ
मंदिर में प्रदक्षिणा लगाते है।
परिक्रमा कितनी बार करनी चाहिये ?
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