यदि कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो स्वास्थ्य की प्राप्ती होगी| साथ ही देवी-देवताओं की कृपा होगी| भोजन के शास्त्रीय नियम:
आज हम यहांपर कुछ ऐसीही प्राचीन मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे है| जिनको आपको भोजन के वक्त ध्यान रखना चाहिए|
कुछ प्राचीन मान्यताये जिन्हें भोजन के दौरान अपनाना चाहिए| The ancient food philosophy in india
ऐसा करने से बढ़ेगी उम्र।
खाना खाने से पहले पांच अंगों को यानि दोनों हाथ, दोनों पैर और मुख को धो लेना चाहिए| उसके बाद ही भोजन करना चाहिए|
मान्यता के अनुसार भीगे हुए पैरों के साथ भोजन करना बहुत शुभ है|
भीगे हुए पैर हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित करते हैं| इससे पाचनतंत्र की समस्त ऊर्जा भोजन को पचाने में लग जाती है| पैर भिगोने से हमरे शरीर की अतिरिक्त गर्माहट भी कम हो जाती है| अत: गैस, एसिडिटी की संभावना भी काफी कम होती है| इससे स्वास्थ्य का लाभ भी होता हैं और हमारी आयु भी बढती है|
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भोजन करते समय दिशाओं पर ध्यान दे|
खाना खाते समय हमारा मुह पूर्व और उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए| इससे हमारे शरीर को खाने से मिलने वाली ऊर्जा पूर्ण रूप से मिल जाती है|
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन को ग्रहण करना अशुभ है| वही पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से रोगों की वृद्धि हो जाती है|
ऐसे स्थिति में कभीभी भोजन ना करे|
- बिस्तर पर बैठकर कभी भी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए|
- खाने की थाली को हाथ में लेकर भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए|
- भोजन को हमेशा बैठकर ही ग्रहण करना चाहिए|
- भोजन का ग्रहण रसोईघर में ही करना चाहिए।
जान लें भोजन के शास्त्रीय नियम:
- भोजन की थाली को किसी बाजोट या लकड़ी की पाटे पर रखकर भोजन ग्रहण करना चाहिए|
- खाने के बर्तन साफ होने चाहिए|
- टूटे-फूटे बर्तन में भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए|
- खाना खाने से पहले यह उपाय भी अवश्य करें
- भोजन करने से पहले अन्न देवता, अन्नपूर्णा माता का स्मरण करे|
- भोजन ग्रहण करते वक्त देवी-देवताओं को भोजन के लिए धन्यवाद दे| साथ ही यह प्रार्थना करें कि सभी भूखे जीवों को भी उचित मात्रा में भोजन प्राप्त हो|
- परोसे हुए भोजन की निंदा कभीभी ना करे| इससे अन्न का अपमान हो जाता है|
- पक्वान्न बनाते वक्त इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- भोजन बनाने से पहले व्यक्ति को स्नान करके और पूरी तरह से पवित्र होकर शुद्ध मन से भोजन बनाना चाहिए|
- स्वादिष्ट भोजन बनाते समय मन शांत रखना चाहिए|
- भोजन बनाते वक्त किसी की बुराई ना करें|
- किसी भोजन बनाने को शुरुवात करने से पहले इष्टदेव का ध्यान करे| चाहे तो किसी देवी-देवता के मंत्र का जप भी कर सकते है|
- ऐसा करनेसे खाना स्वादिष्ट बनेगा और अन्न की कमी नहीं होगी|
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