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Sunday, November 17, 2024

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भोजन के शास्त्रीय नियम: प्राचीन मान्यताये the-ancient-food-philosophy-in-india

यदि कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो स्वास्थ्य की प्राप्ती होगी| साथ ही देवी-देवताओं की कृपा होगी| भोजन के शास्त्रीय नियम:

आज हम यहांपर कुछ ऐसीही प्राचीन मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे है| जिनको आपको भोजन के वक्त ध्यान रखना चाहिए|

कुछ प्राचीन मान्यताये जिन्हें भोजन के दौरान अपनाना चाहिए| The ancient food philosophy in india
ऐसा करने से बढ़ेगी उम्र।
खाना खाने से पहले पांच अंगों को यानि दोनों हाथ, दोनों पैर और मुख को धो लेना चाहिए| उसके बाद ही भोजन करना चाहिए|
मान्यता के अनुसार भीगे हुए पैरों के साथ भोजन करना बहुत शुभ है|
भीगे हुए पैर हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित करते हैं|  इससे पाचनतंत्र की समस्त ऊर्जा भोजन को पचाने में लग जाती है| पैर भिगोने से हमरे शरीर की अतिरिक्त गर्माहट भी कम हो जाती है| अत: गैस, एसिडिटी की संभावना भी काफी कम होती है| इससे स्वास्थ्य का लाभ भी होता हैं और हमारी आयु भी बढती है|

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भोजन करते समय दिशाओं पर ध्यान दे|

खाना खाते समय हमारा मुह पूर्व और उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए| इससे हमारे शरीर को खाने से मिलने वाली ऊर्जा पूर्ण रूप से मिल जाती है|
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन को ग्रहण करना अशुभ है| वही पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से रोगों की वृद्धि हो जाती है|

ऐसे स्थिति में कभीभी भोजन ना करे|

  • बिस्तर पर बैठकर कभी भी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए|
  • खाने की थाली को हाथ में लेकर भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए|
  • भोजन को हमेशा बैठकर ही ग्रहण करना चाहिए|
  • भोजन का ग्रहण रसोईघर में ही करना चाहिए।

जान लें भोजन के शास्त्रीय नियम:

  • भोजन की थाली को किसी बाजोट या लकड़ी की पाटे पर रखकर भोजन ग्रहण करना चाहिए|
  • खाने के बर्तन साफ होने चाहिए|
  • टूटे-फूटे बर्तन में भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए|
  • खाना खाने से पहले यह उपाय भी अवश्य करें
  • भोजन करने से पहले अन्न देवता, अन्नपूर्णा माता का स्मरण करे|
  • भोजन ग्रहण करते वक्त देवी-देवताओं को भोजन के लिए धन्यवाद दे| साथ ही यह प्रार्थना करें कि सभी भूखे जीवों को भी उचित मात्रा में भोजन प्राप्त हो|
  • परोसे हुए भोजन की निंदा कभीभी ना करे| इससे अन्न का अपमान हो जाता है|
  • पक्वान्न बनाते वक्त इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
  • भोजन बनाने से पहले व्यक्ति को स्नान करके और पूरी तरह से पवित्र होकर शुद्ध मन से भोजन बनाना चाहिए|
  • स्वादिष्ट भोजन बनाते समय मन शांत रखना चाहिए|
  • भोजन बनाते वक्त किसी की बुराई ना करें|
  • किसी भोजन बनाने को शुरुवात करने से पहले इष्टदेव का ध्यान करे| चाहे तो किसी देवी-देवता के मंत्र का जप भी कर सकते है|
  • ऐसा करनेसे खाना स्वादिष्ट बनेगा और अन्न की कमी नहीं होगी|

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तो क्या आप इन सबका पालन करेंगे? आजकल की जिन्दगी में क्या यह संभव है? क्या यह विचार आज की जिन्दगी के लिए भी लागु पड़ते है? विचार जरुर शेअर करे|

आशा है आपको "भोजन के शास्त्रीय नियम: प्राचीन मान्यताये THE-ANCIENT-FOOD-PHILOSOPHY-IN-INDIA" यह जानकारी पसंद आई होगी|

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