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Sunday, September 8, 2024

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पहली बारिश में होने वाली बीमारियाँ और उनसे बचने के घरेलू तरीके

बारिश का मौसम – खुशियों और राहत का मौसम। लेकिन इसी के साथ कई बीमारियां भी आ जाती हैं। पहली बारिश में मौसम में अचानक बदलाव होता है, जिससे हमारे शरीर को ढलने में समय लगता है। इस वजह से सर्दी, खांसी, बुखार, टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

पहली बारिश में होने वाली बीमारियाँ और उनसे बचने के घरेलू तरीके

इन बीमारियों से बचने के लिए हम कुछ घरेलू तरीके अपना सकते हैं:

1. इम्यूनिटी बढ़ाएं:

  • हल्दी वाला दूध: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। हर रात सोने से पहले एक गिलास हल्दी वाला दूध पीएं।
  • काढ़ा: तुलसी, अदरक, काली मिर्च और जीरा मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है।
  • विटामिन सी: संतरा, नींबू, मौसमी जैसे विटामिन सी से भरपूर फल खाएं।

2. स्वच्छता का ध्यान रखें:

  • बार-बार हाथ धोएं: साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने से संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है।
  • गीले कपड़े न पहनें: गीले कपड़े पहनने से सर्दी और बुखार हो सकता है। बारिश में भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदल लें।
  • घर का खाना खाएं: बाहर का खाना खाने से बचें, क्योंकि इसमें संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

3. पानी:

  • खूब पानी पीएं: पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है और टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करता है। दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं।
  • गर्म पानी पीएं: ठंडे पानी की जगह गर्म पानी पीने से सर्दी और खांसी दूर होती है।

4. आराम:

  • पर्याप्त नींद लें: नींद से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। हर रात 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
  • तनाव कम करें: तनाव से इम्यूनिटी कमजोर होती है। योग, ध्यान या अपनी पसंद की कोई गतिविधि करके तनाव कम करें।

इन घरेलू उपायों के अलावा, यदि आपको कोई लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहली बारिश का आनंद लें, बीमारियों से बचें और स्वस्थ रहें!

धूम्रपान छोड़ने का आसान तरीका

धूम्रपान की आदत आसानी से नहीं जाती है। खासकर जब आदत बहुत पुरानी होती है। धूम्रपान की आदत शरीर के अंदरूनी हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है। श्वासनली की प्रकृति बहुत कोमल होती है। वायुमार्ग में कई कोशिकाएं होती हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करती हैं। बार-बार धूम्रपान उन कोशिकाओं को जला देता है। इस तरह से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है। अत्यधिक धूम्रपान शरीर में कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण बनता है। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया जैसी समस्याएं भी होती हैं।

धूम्रपान छोड़ने का आसान तरीका

क्या आप जानते हैं आपके धूम्रपान करने से आपके आसपास के लोगों को भी नुकसान होता है?

धूम्रपान से स्वास्थ्य के जोखिम बढ़ते हैं। इसी तरह बार-बार धूम्रपान के कारण आसपास के लोगों का स्वास्थ्य भी खराब होता है। इसलिए धूम्रपान छोड़ कर खुद को और अपने आसपास के लोगों को स्वस्थ रखें।

धूम्रपान से बचने के लिए क्या-क्या करना चाहिए आइए जानते हैं-

अपने खाने की आदतों और जीवन शैली को बदलें

एक शोध से पता चला है कि मांसाहारी भोजन करने के बाद धूम्रपान करने की इच्छा और अधिक हो जाता है। इसलिए अगर आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, तो आप कुछ दिनों के लिए अधिक फल और सब्जियां खा सकते हैं। नियमित रूप से व्यायाम करें। आप अधिक योग कर सकते हैं, खासकर प्राणायाम। नियमित व्यायाम आपको धूम्रपान से दूर रखेगा।

शराब से दूर रहें

शराबी अक्सर धूम्रपान के बाद शीतल पेय, चाय या कॉफी पीते हैं। यदि आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, तो पहले इस प्रकार के पेय को पीने से बचें।

आप अपनी पसंद की चॉकलेट खा सकते हैं

चॉकलेट खाकर अपनी धूम्रपान की आदतों को बदलें। अगर आप चॉकलेट या च्युइंग गम खाने की आदत डाल लेंगे, तो आप धूम्रपान में रुचि खो देंगे।

एक चिकित्सक से परामर्श लें

बेहतर या बदतर आदत को तोड़ने में समय लगता है। यदि आप स्वयं धूम्रपान नहीं छोड़ सकते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना सुनिश्चित करें।

अपनी लालसा के विषय में जानने की कोशिश कीजिए 

नशा इंसान का पीछा नहीं करता। बल्कि इंसान नशा का पीछा करता है। आपका एक लालसा 5 मिनट तक चल सकता है। इस नशा से हार मानने से पहले, 5 मिनट की रणनीतियों की एक सूची बनाएं।

उदाहरण के लिए, आप एक मिनट के लिए पार्टी छोड़ सकते हैं, नृत्य कर सकते हैं या बार में जा सकते हैं।

फिर इस बारे में सोचें- धूम्रपान और शराब का संयोजन आपके मुंह के कैंसर के खतरे को 38 गुना बढ़ा देता है। इसलिए बार-बार सिगरेट पीने की आदत से खुद को मुक्त कर दीजिए।

धूम्रपान ना करने वाले दोस्त बनाएं

जब आप किसी पार्टी में हों, तो धूम्रपान ना करने वालों के साथ रहें। “जब आप धूम्रपान करने वालों को देखते हैं, तो उनसे ईर्ष्या ना करें।”

धूम्रपान करने वाले लोगों से दोस्ती करेंगे। तब धूम्रपान की आदत कभी भी आपकी नहीं छूटेगी। वहीं अगर आप धूम्रपान करने वाले लोगों से दोस्ती करेंगे। तो आपकी धूम्रपान की आदत धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।

निष्कर्ष

जो लोग युगों-युगों से धूम्रपान करते हुए आ रहे हैं।वह लोग धूम्रपान छोड़ दे ऐसा हो नहीं सकता। हालांकि जो लोग खुद को सच में सुधारना चाहते हैं। वो लोग अपने धूम्रपान की आदत को खत्म कर देते हैं आसानी से। धूम्रपान से बहुत तरीके के रोग होते हैं। इसलिए इसकी लत ना ही लगे तो ही अच्छा है।

तुलसी की पत्तियों के चमत्कारिक उपयोग

तुलसी :- हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा महत्व तुलसी के पौधे को दिया जाता है। पौराणिक महत्व के अनुसार तुलसी की पत्तियां औषधि के लिए भी उपयोग की जाती हैं। तुलसी का प्रयोग सबसे ज्यादा लड्डू गोपाल जी यानी कृष्ण जी के भोग में इस्तेमाल किया जाता है। 

तुलसी की पत्ती के जरिए बहुत सारी बीमारियों का इलाज किया जाता है। जैसे कि सर्दी, खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में तुलसी का पौधा बहुत ही ज्यादा असरदार होता है। 

तुलसी केवल बीमारियों के लिए ही नहीं बल्कि वास्तु दोष के लिए भी शुभ मानी जाती है, तो आइए आज हम आपको तुलसी की पत्तियों के चमत्कारिक उपयोग बताते हैं और यह भी बताते हैं, कि तुलसी का पौधा घर में रखना कितना ज्यादा शुभ होता है और तुलसी का क्या महत्व होता है।

तुलसी की पत्तियों का उपयोग

सबसे पहले हम आपको बीमारी से जुड़े हुए कुछ इलाज बताते हैं, जो तुलसी की पत्तियों से ही ठीक हो जाते हैं।

  • यौन रोगों के इलाज के लिए

अगर पुरुष के शरीर में कमजोरी महसूस हो रही है तो उसके लिए तुलसी के बीज का इस्तेमाल बहुत ही लाभदायक होता है। इसी के साथ यौन दुर्बलता और नपुसंकता में भी तुलसी के बीज का नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता है।

  • अनियमित पीरियड की समस्या के लिए

अक्सर यह महिलाओं में पीरियड को लेकर समस्या देखी जाती है तो तुलसी के पत्तों के जरिए अनियमितता की शिकायत दूर हो जाती है। अगर इसके लिए तुलसी के बीज का सेवन किया जाए तो वह बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों को लाभदायक माना जाता है।

  • सर्दी और खांसी

अगर आप सर्दी से ग्रस्त हैं या फिर आपको हल्का सा बुखार है तो इसके लिए मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से उबाल लें और उसका काढ़ा बना लें। इसका काढ़ा पीने से बहुत ही फायदा मिलता है अगर आप चाहे तो इसकी गोलियां बना सकते हैं और उसका भी सेवन कर सकते हैं।

  • दस्त होने पर तुलसी का प्रयोग

कई बार मौसम बदलने की वजह से दस्त लग जाते हैं। इसके लिए तुलसी के पत्ते बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इसके लिए आप तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर अच्छी तरह से पीस लें। इसके बाद इसे दिन में तीन से चार बार चाटे ऐसा करने से दस्त जल्द ही रुक जाते हैं।

  • सांस की दुर्गंध

कई बार हमारे मुंह से दुर्गंध आने लगती है। इसके लिए तुलसी के पत्ते बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं और यह नेचुरल इलाज होता है। इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता। अगर आपके मुंह में बदबू आ रही है तो इसके लिए आप तुलसी के कुछ पत्तों को चबा चबा कर खाएं। अगर आप ऐसा करते हैं तो दुर्गंध जल्द ही खत्म हो जाती है।

  • चोट लगने पर

खेलते कूदते समय अगर कहीं चोट लग गई है तो इसके लिए तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर चोट पर लगा ले, घाव जल्दी से ठीक हो जाता है, क्योंकि तुलसी में एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जिसके जरिए घाव पता नहीं है और जलन भी नहीं होती है।

  • चेहरे पर चमक लाने के लिए

अगर आप त्वचा से संबंधित रोग का सामना कर रहे हैं तो इसके लिए तुलसी फायदेमंद होती है। तुलसी का इस्तेमाल करने से कील मुंहासे जल्द ही खत्म हो जाते हैं और चेहरा निखर जाता है।

  • कैंसर के इलाज के लिए

कई शोध के अनुसार यह बताया गया है कि कैंसर के इलाज के लिए तुलसी बहुत ही फायदेमंद होती है। हालांकि अभी इस बात की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गई है।

  • तुलसी की चाय

अगर आप चाय बनाते वक्त उसमें कुछ तुलसी के पत्ते डाल लेते हैं और उस चाय को अच्छे से उबाल लें। इसके बाद इस चाय का सेवन करें तो आपका जुखाम जल्द ही खत्म हो जाता है।

  • तुलसी का रस

तुलसी का रस सर्दी जुकाम के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए आप तुलसी के 5 से 7 पत्ते लें और उसका रस अच्छी तरह से निकाल ले। इसके बाद दो से तीन बार इस रस का सेवन करें जल्द ही आराम मिल जाता है।

  • तुलसी का दूध

अगर आप बुखार से पीड़ित है तो इसके लिए एक गिलास दूध में तुलसी के कुछ पत्ते और थोड़ा सा दालचीनी पाउडर डालकर उबाल लें और इसका सेवन करें जल्द ही बुखार में आराम मिलता है।

अन्य प्रयोग

जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बताया था कि तुलसी की पत्तियां वास्तु दोष के लिए भी शुभ मानी जाती है। इसके लिए केवल कुछ उपाय करने होते हैं और घर की समस्याओं को दूर करने के लिए तुलसी बहुत ही फायदेमंद होती है।

  • घर में अगर अनबन हो रही है या आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो नियमित रूप से तुलसी में जल चढ़ाना चाहिए।
  • अगर आप कोई इच्छा पूरी करना चाहते हैं तो इसके लिए इच्छा को सोचकर तुलसी पर एक पीला धागा बांध ले और इस धागे में 108 बार गांठ लगा दें। आपकी मनोकामना जल्दी पूरी हो जाएगी। जब मनोकामना पूरी हो जाए तो इस धागे को निकालकर जल में बहा दें।
  • अगर आपके घर में नेगेटिविटी बहुत ही ज्यादा है तो पूजा में तुलसी का प्रयोग जरूर करें। इसी के साथ सोने से पहले अपने तकिए के नीचे 5 तुलसी के पत्ते रखकर सो जाएं घर में सभी प्रकार की नेगेटिविटी दूर हो जाएगी।
  • आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए तुलसी की चार पत्तियों को तोड़ ले। इसके बाद पीतल के बर्तन में पानी डालकर पत्तियों को भिगो दें, 24 घंटे बाद पानी में रखने के बाद उस पानी को पूरे घर में छिड़के, घर के मुख्य दरवाजे पर जरूर छिड़के, इससे किस्मत जल्द ही चमक जाती है और धन की कमी नहीं रहती।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको इस बारे में जानकारी दी है कि आप तुलसी का किस-किस प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। तुलसी का प्रयोग बीमारी में तो किया ही जाता है इसी के साथ वास्तु दोष को ठीक करने के लिए भी तुलसी का प्रयोग बहुत ही ज्यादा किया जाता है।

 सुख समृद्धि लाने के लिए तुलसी का पौधा घर में जरूर लगाएं इसी के साथ नियमित तौर पर तुलसी की पूजा भी करें।

तांबे के बर्तन में खाने-पीने के हैं अनगिनत फायदे

स्वस्थ रहने के लिए हम सभी को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। हालांकि, ज्यादातर लोग पानी पीने के लिए या तो स्टील का या कांच के गिलास का उपयोग पानी पीने के लिए करता है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि पानी पीने के लिए ना ही स्टील सही है और ना ही कांच। अब सवाल यह उठता है कि आखिर व्यक्ति पानी पिएं तो कैसे पिएं?

तांबे के बर्तन का राज़

प्राचीन काल से ही हम पीने के पानी को तांबे के बर्तन में रखने की आदी रहे हैं। ताकि इसके सेवन से अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके। हालांकि बीच में हम इस तरह की प्रथाओं से हम भटक गए थे, लेकिन देर से ही सही, चीजें फिर से बदलने लगी हैं और हम सभी सुपर हेल्थ के प्रति जागरूक हो गए हैं। इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।

तांबे से जुड़ा राज-

उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करता है

शरीर में कॉपर का स्तर कम होने से ब्लड प्रेशर असंतुलित हो जाता है। इस दुनिया में आजकल हर 10 लोगों में से सात लोगों को हाई प्रेशर की बीमारी है। तांबे की पर्याप्त उपस्थिति कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के लिए जानी जाती है, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या दूर रहती है।

पाचन के लिए अच्छा है

तांबे के बर्तन में पानी पीने से पाचन क्रिया तेज होती है। ऐसा एक्सपोर्ट मानते हैं। यह बात सच है कि विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करता है, खराब बैक्टीरिया को मारता है, पेट की सूजन को कम करता है, चयापचय में सुधार करता है। बस यह सुनिश्चित करें कि गर्म पानी न डालें, या तांबे के बर्तन में नींबू पानी जमा न करें। सादा पानी तांबे की बोतल में भरकर ही पिएं।

शरीर पर उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम करता है–

कॉपर एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और कोशिकाओं को पुन: जिंदा करने के लिए जाना जाता है। यह मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों से लड़ने में मदद करता है, जिससे उम्र बढ़ने की समस्याओं का ख्याल रखा जाता है। तांबे में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में बाधा डालने के जादुई गुण होते हैं।

संक्रमण को कम करता है

कॉपर एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, तांबे की बोतलों में 8 घंटे से अधिक समय तक संग्रहीत पानी सभी माइक्रोबियल से मुक्त होता है। कॉपर अन्य सामान्य जलजनित रोग पैदा करने वाले एजेंटों के बीच ई. कोलाई, एस. ऑरियस और हैजा बेसिलस के खिलाफ प्रभावी है।

थायराइड ग्रंथि के कार्य में सहायता करता है

विशेषज्ञों के अनुसार, थायराइड के रोगियों में सबसे आम विशेषता अगर कुछ है तो वह तांबा है। कॉपर थायरॉयड ग्रंथि की विसंगतियों को संतुलित करता है, थायरॉयड ग्रंथि को अच्छी तरह से काम करने के लिए सक्रिय करता है, लेकिन यह थायरॉयड ग्रंथि से बहुत अधिक स्राव के हानिकारक प्रभावों से भी लड़ता है। जहां तांबे की कमी से थायरॉयड ग्रंथि खराब हो जाती है, वहीं यह भी सच है कि बहुत अधिक तांबा भी थायरॉयड ग्रंथि की शिथिलता का कारण बनता है, जिससे रोगियों में हाइपर या हाइपोथायरायडिज्म होता है।

तांबे के बर्तन के फायदे : स्ट्रोक रोकता है

कॉपर में ऐंठन-रोधी गुण भी होते हैं, जिसका अर्थ है कि कॉपर दौरे को रोकने का एक प्रभावी साधन है। तांबे में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जिसका अर्थ है कि तांबे की कमी से ऑक्सीडेंट्स तेजी से और बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

क्या सचमुच किताबें पढ़ने से आयु बढ़ती है? – My Jivansathi

रात के समय क्या नहीं खाना चाहिए? – Gharelu Nuske

अगर आप एक दिन खाना ना खाए तो क्या होता है?

क्या आप जानते हैं कि अगर आप एक दिन खाना नहीं खाएंगे तो इस बात का आप पर क्या असर होगा। यदि नहीं तो आइए बताते हैं कि एक दिन खाना न खाने पर क्या होता है।

भोजन हर एक व्यक्ति की आधारभूत आवश्यकता है क्योंकि बिना भोजन के एक सामान्य व्यक्ति ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह सकता है। वैसे भी खाना पीना तो सिर्फ किसी मजबूरी की वजह से ही बंद होता है, फिर चाहे वह गरीबी हो या बीमारी। परंतु आजकल के समय में डाइटिंग का चलन बहुत बढ़ रहा है इसलिए लोग खाना बहुत ही कम खाते हैं। परंतु एक शोध के अनुसार कोई भी स्वस्थ व्यक्ति कई दिनों तक खाना खाए बगैर रह सकता है। हालांकि लंबे समय तक भूखा रहने से शरीर में आवश्यक तत्वों की कमी हो सकती हैं।

एक दिन भोजन न खाने के फायदे

किंतु एक दिन बिना खाना खाए आप आसानी से रह सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि एक दिन ना खाने की वजह से आपको थोड़ी बहुत परेशानी हो या फिर बिल्कुल ही ना हो। क्योंकि इस बात का असर हर व्यक्ति की सेहत और मनोदशा पर निर्भर करता है। लेकिन आपको इस बात से हैरानी जरूर होगी कि मात्र एक दिन का भोजन छोड़ देने पर आपको बहुत से फायदे भी मिल सकते हैं। चलिए करते हैं, चर्चा कि एक दिन भोजन न खाने पर आपको क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।

आंतरिक शुद्धिकरण

यदि आप हर रोज पेट में खाना ही डालते रहेंगे तो भला शरीर के पुर्जों को आराम कब मिलेगा। इसलिए एक दिन भूखे रहना सेहत के लिहाज से बिल्कुल उत्तम है क्योंकि यह शरीर के आंतरिक शुद्धिकरण के लिए आवश्यक है। आंतरिक शुद्धिकरण की इस प्रक्रिया द्वारा शरीर में जमा हुए सभी विषैले तत्व की निकासी हो जाती है।

पाचन प्रक्रिया के लिए लाभदायक

अगर आप पेट की किसी भी बीमारी यानी कि गैस, कब्ज या एसिडिटी आदि से परेशान है। तो सप्ताह में सिर्फ 1 दिन भूखे रहकर आप अपना इलाज खुद ही कर सकते हैं। हालांकि जरूरी नहीं कि आप पूरा दिन ही भूखे रहे लेकिन आप कुछ फलों का सेवन जरूर करें।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल

सप्ताह में सिर्फ एक दिन भूखा रहकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम करने में मदद मिलती है। इस प्रकार ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल से संबंधित सभी स्वास्थ्य समस्याएं पूर्णता खत्म की जा सकती हैं।

एक दिन भूखा रहने के डायबिटीज के मरीज पर प्रभाव

एक दिन बिना खाना खाए रहने के फायदे ज्यादा और नुकसान बेहद ही कम है। परंतु फिर भी डायबिटीज के मरीजों को बिना खाना खाए रहने की सलाह बिल्कुल भी नहीं दी जाएगी। ऐसे मरीजों में शुगर का लेवल कम होने पर गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

गंभीर बीमारी से ग्रस्त

माना कि 1 दिन भूखा रहने के ढेरों फायदे हैं परंतु फिर भी किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को भूखा नहीं रहना चाहिए। साथ ही भूखा रहने पर चिड़चिड़ापन की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।

रात के समय ये नहीं खाना चाहिए

अच्छे स्वास्थ्य और बीमारी की रोकथाम और उपचार पर आयुर्वेद जोर देता है। यह उपचार एक आंतरिक शुद्धिकरण प्रक्रिया के साथ शुरू होता है, इसके बाद एक विशेष आहार, हर्बल उपचार, मालिश चिकित्सा, योग की ओर ध्यान देता है।

आयुर्वेद के अनुसार रात के समय क्या नहीं खाना चाहिए?

आपको तो पता ही है आयुर्वेद का मुख्य कार्य मनुष्य के सेहत को ठीक रखना है। एक वक्त था। जब आयुर्वेद ही हर बीमारी का इलाज करता था। लेकिन आज बदलते वक्त के साथ इलाज के तरीके बदल चुके हैं। लेकिन आज भी कहीं ना कहीं आयुर्वेद बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। गंभीर से गंभीर रोग को ठीक करने में।

आयुर्वेद के अनुसार कुछ नियम बनाए गए हैं। जैसे कि रात में बहुत सारी चीजों का सेवन, आयुर्वेद के अनुसार करने से आप बीमार पड़ सकते हैं। आइए उन चीजों के नाम जानते हैं। जिनका सेवन करने से आपके शरीर को खतरा हो सकता है।

दही ना खाएं

आयुर्वेद के अनुसार सूरज ढल जाने के बाद व्यक्ति को कभी भी दही नहीं खाना चाहिए। दही शाम के बाद या रात में खाने से व्यक्ति को सर्दी, जुखाम या ठंड लगने की समस्या हो सकती है।

ठंडा दूध बिल्कुल भी ना पिएं

रात में सोने से पहले बहुत सारे लोग दूध पीकर फिर सोते हैं। दूध पीने की आदत बुरी नहीं है। आप पी सकते हैं। लेकिन जब भी आप रात में सोने से पहले दूध पिएं। तो उसे अच्छे से गर्म करके ही पिए।

ठंडा दूध पीकर सोने से आपके सेहत को हानि पहुंच सकती है। ठंडा दूध शरीर में जाकर पचने में बहुत देर लगाता है। इसलिए आयुर्वेद गर्म दूध पीने की सलाह देता है। ताकि आपको उस दूध को पचाने में कोई कठिनाई न हो।

डिनर में फास्ट फूड का सेवन ना करें

बहुत सारे लोगों को बाहर का खाना बहुत पसंद होता है। फास्ट फूड खाना सेहत के लिए हानिकारक है। इसलिए रात में कभी भी आयुर्वेद के अनुसार ऐसा कोई भी खाना खाकर नहीं सोना चाहिए। जिसमें अत्यधिक मसाला, तेल हो। प्रोटीन वाला खाना ही खाकर रात में सोना चाहिए। इससे आपको एसिडिटी नहीं होगी।

खाना चबाकर खाना चाहिए

यदि आपको मोटापे की समस्या है तो रात में हमेशा कम खाना खाइए। जब भी रात में खाना खाएं उस खाने को रात में चबाचबा कर खाइए। ताकि आपका खाना पच सकें।

खाना भी गर्म करके खाएं

रात का खाना बहुत ही महत्वपूर्ण खाना होता है। जब भी आप रात में खाना खाएंगे। उस खाने को अवश्य ही  अच्छे से गर्म करके खाएं। फ्रीज का खाना डायरेक्ट बिल्कुल भी ना खाएं। इससे आपके शरीर में बीमारी फैल सकती है।

धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए

वैसे तो खाना खाते वक्त बिल्कुल भी पानी नहीं पीना चाहिए। लेकिन फिर भी यदि आपको खाना खाने के दौरान तीखा लग जाएं या पानी पीने का मन करें। तो गटक के एक बार में पानी ना पीकर धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार रात में दिन में भी खाना खाने से आधे घंटे पहले पानी पीना चाहिए। खाना खाने के तुरंत बाद पानी बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए। इससे शरीर में मोटापा बढ़ता है।

इन सभी बातों के अतिरिक्त हम आपको बताना चाहेंगे कि आयुर्वेद के अनुसार दूध के साथ कभी भी फल को नहीं खाना चाहिए। यह शरीर के लिए बहुत जहरीला होता है।

आज कल लोग मैंगो शेक, मिल्क शेक बनाकर पीते हैं। जिसमें फल का उपयोग किया जाता है। इस शेक को पीने से बचें क्योंकि ऐसा करके आप अपने शरीर के साथ ही खिलवाड़ कर रहे है।

रात में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने से क्या नुकसान होता है ?

रात में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने से आपके शरीर को क्या-क्या नुकसान होता है?

यदि आपका शरीर थके हुआ है और आप उस हालत में रात में स्मार्टफोन को छूते हैं। तो आप किसी भी उम्र के लोग हैं आपको नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि स्मार्टफोन के अत्यधिक इस्तेमाल से लोगों को नींद की समस्या होती है।

यह आदत ना केवल शरीर बल्कि दैनिक जीवन को भी प्रभावित करती है। पुरानी आदतें भी कई बार बदल सकती हैं! जैसे कि प्रियजनों के साथ दुर्व्यवहार और छोटी-छोटी समस्याओं पर प्रतिक्रिया सभी रात में नींद ना आने के कारण होते हैं। इससे आत्मविश्वास में धीरे-धीरे कमी आ सकती है। यह त्वचा को भी प्रभावित करता है।

शोध से पता चलता है कि अनिद्रा शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करती है। नतीजतन, वैवाहिक झगड़े हो सकते हैं। चिड़चिड़े मूड लंबे समय तक ब्रेकअप का कारण भी बन सकते हैं। smartphon rat me istamal karne ke nuksan

मोबाइल के वजह से शरीर को होने वाला नुकसान

नींद ना आने की समस्या होने लगती है

एक पति बिना खाए 2 दिन रह सकता है। लेकिन एक व्यक्ति 2 दिन तक बिना सोए नहीं रह सकता है। जिस तरह से टीवी गर्म होने पर उसे आराम देना होता है। गाड़ी ज्यादा देर तक चलने पर उसे भी आराम देना पड़ता है। ठीक उसी तरीके से जब दिमाग सारा दिन तेजी से दौड़ता है। तो उसे भी रात के वक्त सोकर आराम देना पड़ता है। लोगों को हर रात 7-8 घंटे पर्याप्त नींद की जरूरत होती है। लेकिन आज कल लोग अपने शरीर पर कम और स्मार्टफोन की नीली रोशनी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। जिसका परिणाम उन्हें भुगतना भी पड़ रहा है। दिन प्रतिदिन नींद नहीं आती है और पूरी रात जागकर लोग अपना पूरा समय स्मार्टफोन पर बिता देते हैं। यह 1 तरीके की बीमारी ही है।

आंख क्षतिग्रस्त होता है

रात में सोने से पहले लोग घर में लाइट बंद करने के बाद कई लोग स्मार्टफोन की नीली रोशनी में सोशल मीडिया से जुड़ जाते हैं। लोगों को यह नहीं पता की मोबाइल फोन की हानिकारक नीली रोशनी सीधे आंख पर पड़ती है। इससे आंखों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और आंखों में दर्द भी होता है। एक अमेरिकन  एसोसिएशन के अनुसार, मोबाइल फोन से नीली रोशनी रेटिना को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है और अंधेपन का कारण बन सकती है।

सोचने एवं समझने की शक्ति कम हो जाती है

अगर आप रात में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो आप नींद से वंचित रह जाएंगे। नतीजतन, आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। यहां तक की आप अपने स्मार्टफोन की गंदी आदत की वजह से पागल भी हो सकते हैं। नींद की कमी दिमाग से सोचने की शक्ति और शारीरिक शक्ति को कम कर सकती है।

इंफेक्शन फैलने की संभावना होती है

क्या आप जानते हैं कि आपका मोबाइल पर टाइप करना, स्क्रॉल करना, स्वाइप करना आदि आदत आपकी बीमारी का कारण हो सकता है? जो लोग अपने फोन के आदी होते हैं, उनके लिए खाने या पीने के दौरान अपने फोन को अपने से दूर रखना मुश्किल सा होता है। आपके फोन की स्क्रीन पर सभी कीटाणु होती है। इसलिए जब आप खाना खाते हैं और उस दौरान फोन को छूते हैं। तो आपके फोन के सभी कीटाणु आपके मुंह के अंदर प्रवेश करते हैं और  आपके शरीर के अंदर चले जाते हैं। जिससे विभिन्न प्रकार के संक्रमण होते हैं।

नींद की गोली लिए बिना कैसे सोएं?

नींद की गोली लिए बिना कैसे सोएं?

पूरी दुनिया में एक नहीं बल्कि की सारे लोग हैं, जो नींद की बीमारी वाले रोग से पीड़ित होते हैं। ऐसे में बहुत सारे लोग इस बीमारी के लिए दवा लेते हैं। ताकि उनको आधी रात में उठना ना पड़े। ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें रात में नींद भी नहीं आती है। वह रात में अच्छी नींद आए इसलिए भी नींद की गोलियां लेते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे। 

जिन्हें अपनाकर आपकी नींद वाली बीमारी भी दूर होगी। यहां तक कि आपको नींद की दवाई लिए बिना ही नींद भी आएगी। कैसे आइए जानते हैं, उन उपायों के विषय में जो आपकी नींद से संबंधित हर समस्या को दूर कर देगा।

भींगे पैर कभी भी ना सोएं

बहुत सारे लोग ही रात में सोने से पहले अपने हाथ पर को अच्छे से धो कर सोते हैं। लेकिन हाथ पैर धोना ही काफी नहीं होता। हाथ पैर धोने के बाद पैरों को अच्छे से साफ कर लेना चाहिए। ताकि पैर के तलवे पर पानी का अंश ना रहे। गीले पैर बिल्कुल भी ना सोएं। 

डॉक्टरों के मुताबिक, पैर शरीर के तापमान के हिस्से को नियंत्रित करता हैं। इसलिए अगर पैर गीले हैं तो शरीर के तापमान में संतुलन नहीं रहता है। इसलिए अपने पैरों को अच्छे से पोंछकर ही सोएं।

समय अनुसार सोने की कोशिश कीजिए

आज का जमाना स्मार्टफोन का जमाना है। हर कोई दिन भर स्मार्टफोन पर चिपके रहते हैं। रात हो या दिन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता। बस उनका समय हमेशा स्मार्टफोन को चलाने में ही रहता है। यही कारण है कि अक्सर लोगों को रात में देर से नींद आता है। या फिर ज्यादा दिन तक ठीक से ना सोने की वजह से भी नींद की बीमारी भी हो जाती है। हर दिन एक निश्चित समय पर सोने की आदत डालिए। फोन से दूर रहें। 

सोशल मीडिया को बॉय और किताबों से दोस्ती कीजिए

नींद में अक्सर विघ्न बिजली के उपकरण भी डालते हैं। उनमें से ही एक मोबाइल फोन है। इसलिए सोने से ठीक पहले ग्रुप चैट, व्हाट्सएप, फेसबुक आदि का इस्तेमाल करने से बचें।

रात को सोने से पहले लैपटॉप या मोबाइल पर वेब सीरीज या अन्य कोई चीज़ देखने के स्थान पर हल्के लाइट में किताबें पढ़ने की आदत डालिए। किताबें पढ़ने से दिमाग शांत होता है और नींद भी जल्दी आती है। यदि आप किताब पढ़ने के शौकीन नहीं है। तो आप उसके स्थान पर समाचार पत्र भी पढ़ सकते हैं।

अपने पुराने गद्दे और बिस्तर को बदलकर नरम गद्दे का प्रयोग करें

गद्दे और बिस्तर भी नींद ना आने की एक वजह है। कई बार आरामदायक गद्दे से भी शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है। नसों और मांसपेशियों को आराम मिलता है। नींद तुरंत आती है। मोटे गद्दों को कहें अलविदा।

स्नान कर सकते है

सोने से पहले स्नान कर लें। अगर आपको सर्दी लगने की आदत नहीं है, तो इस टिप्स को ज़रूर आजमाएं। यह सुविधाजनक टिप्स है। जो नींद वाले मरीजों को सोने में मदद करता है। इसलिए रात में सोने से पहले अच्छे से स्नान करके सोएं।

सोने से पहले दो काम ज़रूर करें

जिस वक्त आप सोने जाते हैं। उस समय के ठीक 2 घंटे पहले अपने रात का डिनर ले। सोने जाने के 4 घंटे पहले चाय या कॉफी बिल्कुल ना पीएं। वरना आपको रात में नींद नहीं आएगी और आप बेचैन से हो जाएंगे।

क्या आपके परिवार में कोलेस्ट्रॉल का इतिहास रहा है? क्या खाएं क्या ना खाएं

क्या आपके माता-पिता या उनकी पिछली पीढ़ी के किसी व्यक्ति को कोलेस्ट्रॉल की समस्या है या रही है? तो आपको भी यह समस्या हो सकती है। यदि आप कोलेस्ट्रॉल से बचना चाहते हैं। तो भोजन करते समय आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा।

क्या आपके परिवार में कोलेस्ट्रॉल का इतिहास रहा है? ऐसी परिस्थिति में फिर क्या खाएं और क्या ना खाएं

बहुत से लोगों को कम उम्र में कोलेस्ट्रॉल की समस्या नहीं होती है। लेकिन उम्र के साथ यह समस्या बढ़ती चली जाती है। अगर किसी परिवार में इस समस्या का इतिहास रहा है, तो अगली पीढ़ी को कोलेस्ट्रॉल होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में आपको खान-पान के प्रति सचेत रहना होगा। जानिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

विटामिन बी12 वाले खाद्य पदार्थ खाएं

ऐसे खाद्य पदार्थ अधिक खाएं जिनमें अच्छे कोलेस्ट्रॉल और विटामिन बी12 की मात्रा अधिक हो। ये गुण आमतौर पर जैतून के तेल, मेवा और विभिन्न नट्स में होते हैं। यह सब खाने से कोलेस्ट्रॉल की समस्या का खतरा कम हो सकता है।

रेड मीट का सेवन ना करें

यदि आप मीट प्रिय व्यक्ति हैं। खासकर रेड मीट ज्यादा पसंद करते हैं। तो फिर जहां तक ​​हो सकें रेड मीट की मात्रा खाना कम कर दें। कारण यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा देता है।

ओट्स को नाश्ते में जरूर शामिल करें

सुबह के नाश्ते में ओट्स को जरूर रखें। कारण यह स्नैक शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम भी करता है। आप चाहे तो ओट्स के साथ विभिन्न प्रकार के फलों को मिलाकर भी खा सकते हैं। इससे शरीर को विभिन्न प्रकार के पोषण भी प्राप्त होंगे। यदि आपको प्लेन ओट्स नहीं पसंद है। तो आप मसाला ओट्स भी खा सकते हैं।

लहसुन खाएं

प्रतिदिन दोपहर के भोजन में लहसुन की एक कली का सेवन जरूर करें। डॉक्टर्स का कहना है कि इस लहसुन की वजह से कई लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा लहसुन में और भी कई गुण होते हैं। यह शरीर को स्वस्थ रखने में कई तरह से मदद करता है।

ग्रीन टी का सेवन करें

पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोल्स कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए अच्छी दवाएं हैं। ग्रीन टी में ये दोनों तत्व ही बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। रोजाना एक कप ग्रीन टी पिएं। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम हो जाएगा।

स्ट्राबेरी

स्ट्राबेरी अब सर्दियों के अलावा अन्य समय में भी बाजार में मिल जाता हैं। अध्ययनों से यह पता चलता है कि यदि कोई व्यक्ति एक महीने तक एक दिन में एक स्ट्रॉबेरी खाता है, तो उसके कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम हो जाता है। अगर आप कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं तो आप इस फल को अपने दैनिक आहार में ज़रूर शामिल कर सकते हैं।

शिमला मिर्च

शिमला मिर्च के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में आपको अच्छी जानकारी शायद ना हो। लेकिन, बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर वाले व्यक्तियों के लिए भी शिमला मिर्च का सेवन अत्यधिक सहायक और लाभकारी होता है! शिमला मिर्च शरीर के मेटाबॉलिज्म रेट को तेज करती है, जिससे शरीर में जमा फैट बर्न होता है। शिमला मिर्च भूख को भी कम करता है, जो वसा के निर्माण को रोकता है। शिमला मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों को मारते हैं और शरीर में स्वाभाविक रूप से स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं।

50 की उम्र में भी खुद को फिट रखने के उपाय

पचास की उम्र में आपको अपने शरीर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। कारण इस उम्र में शरीर का मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है। यह शरीर की संरचना को नष्ट कर देता है। नींद भी पहले से ज्यादा बढ़ जाती है। त्वचा शिथिल होने लगती है। शरीर कमजोर हो जाता है। लेकिन संयम और स्वस्थ रहन-सहन और खान-पान से आप पचास के बाद भी तरोताजा रह सकते हैं। कैसे?

50 की उम्र में भी खुद को फिट रखने के उपाय

बहुत से लोग 50 की उम्र पार करने के बाद सुबह के नाश्ते से परहेज करते हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। जैसे-जैसे आप बड़े हो जाते हैं, आपके शरीर को अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है। 

प्रोटीन की कमी से मेटाबॉलिज्म और शरीर की संरचना खराब हो सकती है। नाश्ता का बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होता है शरीर को फिट रखने में। यह आपका दिन बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। इसलिए कभी भी अपने ब्रेकफास्ट को स्किप ना करें। सुबह के नाश्ते में हमेशा फाइबर और प्रोटीन से भरपूर चीजें खाएं।

प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें

प्रोसेस्ड फूड को बढ़ती उम्र के साथ खाने से बचना चाहिए। यह शरीर के लिए हानिकारक होता है। इस प्रकार का भोजन हमेशा अस्वास्थ्यकर होता है। इसमें बहुत अधिक नमक भी होता है। एक पोषण अध्ययन के अनुसार, पता चला है कि प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ वजन को बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। इतना ही नहीं, यह फूड ब्लड प्रेशर को हाई कर देता है। 

फल और सब्जियां जरूर खाएं

अपने आहार में ताजे फल और सब्जियों को जरूर शामिल करें। ताजे फल 50 साल की उम्र पार करने के बाद वजन कम करने में मदद करता हैं। फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की वजह से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। जल्दी भूख नहीं लगती है। विशेषज्ञ फल के जूस पीने के बजाय फल खाने की सलाह देते हैं। 

प्रोटीन युक्त आहार लें

पोषण विशेषज्ञ प्रोटीन युक्त अनाज खाने की सलाह देते हैं। मेवा, चना, तरह-तरह के अनाज खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। 50 की उम्र के बाद कम मांस खाएं क्योंकि मांस से मिलने वाला प्रोटीन शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

व्यायाम

पचास के बाद आपको सिर्फ खाने-पीने पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। खुद को ठीक रखना भी जरूरी है। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करें। सुबह उठकर योग का अभ्यास करें। आप किसी ट्रेनर की देखरेख में जिम भी जा सकते हैं और वर्कआउट भी कर सकते हैं। सुबह नियमानुसार टहलें। कुल मिलाकर शरीर को गतिमान रखें।

धूम्रपान ना करें

एक उम्र की आयु सीमा पार करने के बाद व्यक्ति को धूम्रपान करने से पूर्ण रुप से बचना चाहिए। यदि आप की उम्र 50 पार कर चुकी है। तो आप धूम्रपान करना धीरे-धीरे छोड़ दें और संभव हो तो बिल्कुल भी धूम्रपान ना करें। इससे आप लंबी अवधि तक जीवित रह पाएंगे आप की आयु लंबी होगी।

गुस्सा बिल्कुल भी ना करें

जब आप की उम्र 50 पार कर जाए। ऐसी स्थिति में गुस्सा भी नहीं करना चाहिए। ज्यादा गुस्सा करने से हृदय में प्रेशर पड़ता है ब्लड सरकुलेशन बढ़ जाता है। तो कभी-कभी हार्ट एटैक जैसी परिस्थिति भी उत्पन्न होता है। इसलिए यदि आप फिट रहना चाहते हैं तो 50 की उम्र पार करने के बाद अपने गुस्से को काबू रखें।